शादी में हो रहा है विलम्ब तो कुंडली में हो सकते हैं ये दोष


किसी भी माता-पिता के लिए उसके बच्चों के विवाह में देरी होना बहुत ही चिंता का विषय होता है| समय पर शादी न होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे-कुंडली दोष होना, मांगलिक दोष, ग्रहों का उल्ट होना या फिर कुंडली में पितृदोष होना| कारण चाहे जो भी हो ये आपकी या आपके किसी रिश्तेदार की शादी में इस प्रकार अड़चन पैदा करते हैं कि या तो कहीं  कोई रिश्ता नही आता और रिश्ता आ भी जाता है बात नही बन पाती| कई बार अपनी लड़की की शादी के लिए बहुत धक्के खाने के बाद भी योग्य वर या लड़के के  लिए योग्य कन्या नही मिल पाती | ज्योतिषाचार्य के अनुसार इनका कारण  अच्छे से निवारण करना आवश्यक है |
 

विवाह में देरी के कारण

मांगलिक दोष: शीघ्र विवाह के उपाय में मांगलिक दोष का समाधान होना आवश्यक होता है| यदि किसी जातक की कुंडली में मांगलिक दोष है तो शादी में देरी के लिए ये सबसे अहम कारण बनता है| इसके अलावा इस दोष के साथ यदि जातक का विवाह हो चुका है तो शादी में कलह की स्थिति बनी रहेगी इसलिए एक मांगलिक की शादी एक मांगलिक जातक से ही होनी चाहिए| इससे मांगलिक दोष का प्रभाव कम होता है

सप्तमेश का बलहीन होना: यदि जातक के सप्तम भाव का स्वामी दुष्ट ग्रहों से पीड़ित हो अथवा अपनी नीच राशि में स्थित हो तो वह बलहीन हो जाता है। इसके अलावा सप्तमेश 6, 8,12 भाव में स्थित होने पर कमज़ोर होता है और इसके प्रभाव से जातकों के विवाह में देरी होती है
 

बृहस्पति ग्रह का बलहीन होना: यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह दुष्ट ग्रहों से पीड़ित हो, सूर्य के प्रभाव में आकर अस्त हो अथवा अपनी नीच राशि मकर में स्थित हो तो वह बलहीन हो जाएगा और इससे जातक को शादी-विवाह में दिक़्क़त का सामना करना पड़ेगा

शुक्र का नीच होना: यदि जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमज़ोर होता है तो उसके जीवन में कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता है और इसलिए जातक को अपने विवाह में बाधाओं का सामना करना पड़ता है

नवांश कुंडली में दोष: जन्म कुंडली के नौवें अंश को नवांश कुंडली कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस कुंडली से जातक के जीवन साथी के बारे में सटीक अनुमान लगाया जा सकता है इसलिए यदि जातक की इस नवांश कुंडली में दोष हो तो जातक के विवाह में बाधाएँ उत्पन्न होंगी
 

विवाह बाधा निवारण प्रयोग

बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जाता है इनकी पूजा से विवाह के मार्ग में आ रही सभी अड़चनें स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। इनकी पूजा के लिए गुरुवार का विशेष महत्व है|

गुरुवार को बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग की वस्तुएं चढ़ानी चाहिए| पीले रंग की वस्तुएं जैसे हल्दी, पीला फल, पीले रंग का वस्त्र, पीले फूल, केला, चने की दाल आदि इसी तरह की वस्तुएं गुरु ग्रह को चढ़ानी चाहिए| साथ ही शीघ्र विवाह की इच्छा रखने वाले युवाओं को गुरुवार के दिन व्रत रखना चाहिए
 

एक लड़की की शादी के मामले में देरी हो रही है, तो उसकी शादी वार्ता के दौरान शुक्रवार को सफेद और गुरुवार को पीले कपड़े पहनने के लिए दे तो यह शादी की बात बनने के लिए बेहतर है। 4 सप्ताह के लिए यह करें तो निश्चित रूप से अच्छा प्रस्ताव मिल जाएगा।

नहाने के पानी में हल्दी की एक चुटकी मिला कर स्नान करें।  यह उपाय विवाह योग्य आयु प्राप्त लोगों की जल्दी शादी में मदद करता है

लड़कियां योग्य वर की प्राप्ति के लिए सोलह सोमवार का व्रत करें| भगवान शिव को बेलपत्र या भांग के पत्ते व कच्चा दूध चढ़ाएं

किसी भी रिश्तेदार की शादी में जाएँ तो वहां मेहंदी की रस्म में ज़रूर भाग लें (खासकर लड़कियों के लिए) दुल्हन को थोड़ी मेहँदी अपने हाथों से लगायें व दुल्हन की बची मेहँदी में से कुछ अपने हाथों में लगायें| यह कन्याओं के लिए शुभ होता है


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