डायबिटीज से लेकर ब्लाकेज तक का पक्का इलाज करती है इस पेड़ की छाल


भारत में पाए जाने वाला अर्जुन का पेड़ एक औषधीय पेड़ है जिसकी यहां अलग अलग 15 प्रजातियां मिलती हैं। इसकी छाल का इस्तेमाल कई दवाइयों के रूप में भी किया जाता है जो अंदर से चिकनी, बाहर से मोटी सफेद व हल्की गुलाबी रंग की होती है। इसे सुखाने के बाद इसका पाऊडर बनाया जाता है जो दवा के रूप में लिया जाता है।

छाल से होता है इन बीमारियों का इलाज
यह छाल पाऊडर  हार्ट अटैक, बीपी, पेट दर्द, बुखार, टी.वी, खांसी, आदि समस्याओं को दूर करने की क्षमता रखता है और तो और इसकी छाल के रोजाना सेवन करने मोटापा भी कम हो जाता है।

कैसे करें इस छाल पाऊडर का सेवन

1.  घाव और हड्डियों पर असरदार
दूध के साथ इसका सेवन करने से घाव भर जाते है और नील के निशान, जले हुए घाव पर भी यह बहुत असरदार है। अगर हड्डी टूट जाए तो इसका घी के साथ लेप लगाने से हड्डी जल्दी जुड़ जाएगी। इसके अलावा नारियल के तेल या गुड़ के साथ इसके सेवन से मुहं के छाले ठीक हो जाते है। इसके रस को कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।
2. हृदय के रोग
रोजाना सुबह शाम 3 ग्राम छाल का पानी के साथ सेवन करने से हृदय में सूजन और ब्लाकेज की समस्यां भी नहीं होती। इसकी छाल को 500 मि.ली. पानी में पकायें और 200 मि.ली. रह जाने पर गैस से उतार लें। रोज सुबह इसको पीने से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती है।
3. खांसी से राहत
अर्जुन की छाल में अडूसे के पत्तों का रस मिलाकर सूखा लें। सात बार इसमें अडूसे के पत्तों का रस मिलाकर अच्छी तरह सुखाए। इसे अच्छी तरह सुखाने के बाद एक शीशी में डाल लें। इस चुर्ण को 3 ग्राम मात्रा में शहद के साथ चाटने से खासी और सांस से सम्बंधित रोगों से आराम मिलता हैं।
4. डायबिटीज
रोजाना रात को सोने से पहले इसकी छाल और देसी जामुन के बीजों का चूर्ण बनाकर खाने से शुगर कंट्रोल में रहती है। अर्जुन के पेड़ की छाल, कदम्ब की छाल, जामुन के बीज और अजवाइन समान मात्रा में पीस कर आधा लीटर पानी में उबाल लें। इसे छानकर ठंडा हो जाने पर रोज सुबह-शाम लगातार 3-4 हफ्ते पीने से डायबिटीज की समस्यां होगी।

5. यूरीन में रूकावट
इस छाल के सेवन से यूरीन में इंफैक्शन की प्रॉबल्म भी ठीक हो जाती है। यूरीन में रुकावट होने पर इसकी छाल को पीसकर 2 कप पानी में उबालें 1 कप रह जाने पर इसे गैस से उतार लें। दिन में एक बार इसे पीने से यूरीन में रुकावट की समस्यां दूर हो जाएगी। इसके अलावा इस छाल का चूर्ण खाने से गुर्दे की पत्थरी भी असानी से टूट कर निकल जाती है।

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