हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा मिला हुआ है इसलिये इसके गोबर और मूत्र को पवित्रता की नजरों से देखा जाता है। आयुर्वेद में गौ मूत्र का उपयोग औषधी बनाने में किया जाता है। गौमूत्र का नाम सुनकर कई लोगों की नाक-भौं सिकुड़ जाती हैं, लेकिन वे ये नहीं जानते कि गौमूत्र के नियमित सेवन से बडे़-बडे़ रोग तक दूध हो जाते हैं। गौमूत्र से लगभग 108 रोग ठीक होते हैं।
इस बात का दावा किया गया है कि गर्भवती गाय का मूत्र सबसे अच्छा होता है क्योंकि उसमें विशेष हार्मोन और खनिज पाया जाता है। हम आपकों गौ मूत्र से होने वाले कुछ और फायदों के बारें में बता रहे है।
-गौ मूत्र का सेवन खाली पेट करना चाहिए और इसकी मात्रा 100 ग्राम ज्यादा नही होना चाहिए। जबकि स्वस्थ लोगों को 50 ग्राम से ज्यादा सेवन नही करना चाहिए।
– अगर गौमूत्र, त्रिफला और गाय का दूध एक साथ मिक्स कर के सेवन किया जाए तो शरीर में एनीमिया की कमी दूर होती है। साथ ही खून भी साफ होता है।
-गौमूत्र पीने से दिमाक और दिल दोनों को ताकत मिलती है और ये दोनों कई बीमारियों से बचे रहते थे।
-वात,पित्त और कफ को दूर करने की क्षमता देशी गाय के मूत्र में होती है।
– गौमूत्र शरीर में घुसे कई किस्म के कीटाणुओं को नष्ट करता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में तीनों दोषों की गड़बड़ी की वजह से बीमारियां फैलती हैं, लेकिन गौमूत्र पीने से बीमारियां दूर हो जाती हैं।
– गौमूत्र पीने से जिगर मजबूती से काम करता है जिससे रक्त अच्छा और शुद्ध बनता है।
– अगर दर्द वाली जगह पर गौमूत्र से सेकाई की जाए तो आराम मिलता है। सर्दियों में आप गौमूत्र को सोंठ के साथ पियें, लाभ मिलेगा।
– सुबह अगर आधे कप पानी में गौमूत्र के साथ नमक और नींबू का रस मिला कर पिया जाए तो गैस नहीं बनती।