यदि किसी दुर्घटना के कारण किसी व्यक्ति की आँखों में चोट लग जाएं या उसे किसी प्रकार का आघात हो जाए अथवा उसकी आँखों में कोई रसायन गिर जाए, तो यह स्थिति उसके लिए थोड़ी मुश्किल हो जाती है। ऐसे में, उसे समझ नहीं आता कि क्या करना चाहिए। इस तरह की स्थिति से निबटने के लिए हम यहां कुछ ऐसे टिप्स बता रहें हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
यदि किसी व्यक्ति की आँख किसी रसायन के सम्पर्क में आ जाए तो उसे तुरंत निम्न तरीके अपनाने चाहियें :-
- जितना जल्द सम्भव हो, उतना जल्द, कम से कम पाँच मिनट तक अपना चेहरा, पलकें एवं आँखे धोते रहें या साफ़ और ठंडे पानी में डुबो कर रखें।
- आंखों के अंदर लगातार पानी डालते रहें। ध्यान रखें कि रसायन दूसरी आँख में न जाए। जब आँखे अच्छे से धुल जाए, तो आँखों पर साफ और सुरक्षित ड्रेसिंग पट्टी रख लें।
- मरीज़ आँखों को न रगड़े।
- इसके बाद जितनी जल्दी हो सके, चिकित्सकीय सहायता ले लें।
- जब तक अस्पताल की इमरजेंसी में न पहुंच जाए, आखों को नर्म पट्टी से ढक कर रखें।
- आँखों की कुछ अन्य चोटों के लिए कुछ जरूरी सलाह :-
- खुद से इलाज या पारंपरिक चिकित्सा से इलाज के खतरों के बारे में लोगों को सतर्क करें।
- नुकीली वस्तुओं, तीर-धनुष एवं गिल्ली-डंडा के साथ खेलने से अपने बच्चों को मना करें।
- जब भी वाहन चलाएं तो चश्मे का उपयोग करें
- झोला छाप डॉक्टरों से उपचार न कराएं, एक योग्य डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।
- बच्चों से दवाएं, औषधियां, एसिड, रसायन, खाने की गर्म चीज़ें एवं नुकीली वस्तुओं दूर रखें।
- प्राथमिक उपचार प्रक्रियाओं के बारे में सीखें तथा सबसे नज़दीक की चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी रखें।
कुछ अन्य सहायक उपचार :-
- हल्के गीले रुई या रूमाल के मुड़े कोने से बाह्य वस्तु को चमकदार रोशनी में ही आँखों से निकालें।
- यदि बाह्य वस्तु दिखाई नहीं दें, हाथ में कुछ साफ पानी लें एवं उसमें तेज़ी से पलके झपकाएं।
- यदि फिर भी असफल होते हैं, उपरी पलक को आगे की ओर खींचें, निचली पलक को ऊपर धकेलें तथा दोनों पलको को छोड़ दें। निचली पलकों के बाल अक्सर बाह्य वस्तु को निकाल देतें हैं।
- यदि बाह्य वस्तु कॉर्निया में धंसी हो, नरम पैड/गद्दी लगायें, आंखों को ढकें एवं मरीज को तुरंत अस्पताल लें जाएं।
- आँखों को रगड़ने से बचें।