कीड़े-मकोड़ों का काटना


कीड़े-मकोड़े के काटने पर दंशित स्थान को छूना अथवा नाखून आदि से खुजलाना नहीं चाहिए| इससे विषक्रमण बढ़ जाने की संभावना होती है| इसका उपचार यथाशीघ्र करने का प्रयास करना चाहिए|

कारण :

कीड़े-मकोड़े जानबूझ कर किसी को नहीं काटते| वे तब काटते या डंक मारते हैं, तब उन पर हाथ-पांव पड़ जाता है या उनको अपने जीवन का खतरा महसूस होता है| असल में वे अपने को बचाने ले लिए ऐसा करते हैं|

पहचान :

मधुमक्खी, बर्रै, कीड़ा या मच्छर के काटने पर डंक द्वारा विष शरीर में प्रवेश कर जाती है, जिस कारण बहुत दर्द होता है, जलन व लपकन होती है और वहां पर सूजन आ जाती है| बिच्छू तथा सांप का विष तो सारे शरीर में फैल जाता है| इससे रोगी को असहनीय दर्द होता है| कई बार जी मिचलाता है और रोगी बेहोश तक हो जाता है|

नुस्खे :

  • गाय के घी में थोड़ा-सा कपूर पीसकर मिला लें| फिर उसे मधुमक्खी या बर्रै के डंक मारने वाले स्थान पर थोड़ी देर तक मलें|
  • लहसुन की ताजा कलियां पीसकर बिच्छू के काटे स्थान लगाएं|
  • बर्रै तथा मधुमक्खी के डंक मारने वाले अंग पर दियासलाई का मसाला पानी में भिगोकर लगाएं|
  • नीम के पत्तों के साथ चार-पांच दाने कालीमिर्च पीसकर लगाएं|
  • नीबू के रस में नमक मिलाकर दंश वाले स्थान पर लगाने से रोगी को काफी आराम मिलता है|
  • शहद लगाने से कीड़े-मकोड़े का जहर शान्त हो जाता है| बर्रै या मधुमक्खी के दंश वाले स्थान पर सिरके के साथ धनिया पीसकर लगाना चाहिए| दंश से छुटकारा मिल जाएगा|
  • मच्छर के काटने पर तुलसी के पत्ते पीसकर उनका रस लगाएं|
  • नमक के टुकड़े को पानी में भिगोकर बर्रै या मधुमक्खी के डंक मारने वाले अंग पर लगाएं|
  • लौकी का गूदा बिच्छू के डंक मारने वाले स्थान पर धीरे-धीरे मलें| लौकी का रस चार चम्मच की मात्रा में रोगी को पिलाना भी चाहिए|
  • कुत्ते के काटने पर कलीमिर्चें पीसकर घाव पर लगा दें| बाद में योग्य चिकित्सक को दिखाएं|

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