वायरल फीवर से राहत पाने के घरेलू उपचार

मौसम के बदलते ही वायरल की शिकायत आने लगती है, वायरल बुखार एक एक्यूट वायरल संक्रमण है। इसमें संक्रमित विषाणु शरीर में तेजी से फैलते हैं और कुछ ही दिनों में पूरी तरह खत्म भी हो जाते हैं। यह विषाणु संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है। यह शारीरिक संपर्क से भी फैल सकता है, जैसे कि विषाणु संक्रमित हाथों के जरिये।वायरल बुखारों या वायरल फ्लू के उपचार में सिर्फ बुखार, खांसी और जुकाम के लक्षणों को नियंत्रित करना होता है। ऐसी कोई दवा नहीं है, जो वायरल संक्रमण को ठीक कर सके। मगर, लक्षणों के अनुसार आप पहले ही सतर्क हो सकते है l

वैसे तो वायरल फीवर के लक्षण अन्य आम फीवर के तरह ही होते हैं मगर इसको नजर अंदाज करने पर अवस्था गंभीर हो सकती है। फीवर होने के प्रथम अवस्था में गले में दर्द, थकान, खाँसी आदि होता है। जिसको लोग नजरअंदाज कर देते हैं, और इसी नजर अंदाज के कारण वायरस को पनपने में आसानी होती है।

वायरल फीवर होने पर निम्न लक्षण नजर आते है

थकान, मांसपेशियों बदन में दर्द, तेज बुखार, सर्दी, गले में दर्द, सर दर्द, आँखो में लाली और जलन का अनुभव, खाँसी, जोड़ो में दर्द

जो लोग शारीरिक रूप से संवेदनशील होते हैं या उनकी प्रतिरक्षा क्षमता कमजोर होती है, उन्हें वायरल फीवर होने की संभावना ज़्यादा होती है।
वायरल फीवर के  घरेलू उपाए 

तुलसी- तुलसी में  एन्टी बायोटीक और एन्टी बैक्टिरीअल गुण वायरल फीवर के लक्षणों से राहत दिलाने में बहुत मदद करते हैं। बीस ताजा तुलसी के पत्तों को एक लीटर पानी में एक चम्मच लौंग पावडर डालकर तब तक उबालें जब तक कि वह सुख कर आधा न हो जाये। उसके बाद उसको छानकर हल्का ठंडा करके दो घंटा के अंतराल में पीयें। यहाँ काफी असरदायक और सरल उपाए है l

मेथी का जल- मेथी में बहुत सारे औषधिय गुण होते हैं जो वायरल फीवर के कष्टों से राहत दिलाने में सहायता करते हैं।   एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच मेथी के दाने रात भर भिगोकर रखें। अगले दिन सुबह इसको छानकर निश्चित अंतराल में इसका सेवन करें। सुबह मेथी के दाने, नींबू का रस और शहद के मिश्रण का सेवन करने से भी कुछ हद तक बुखार से राहत मिलता है।

सूखे अदरक का मिश्रण-अदरक के अनगिनत स्वास्थ्य संबंधी गुण होते हैं। इसका एन्टी- इन्फ्लैमटोरी और एन्टी-ऑक्सिडेंट गुण बुखार के लक्षणों से राहत दिलाने में सहायता करते हैं। सूखा अदरक, एक छोटा चम्मच हल्दी और एक छोटा चम्मच काली मिर्च का पावडर और थोड़ा-सा चीनी एक कप पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि सुखकर आधा न हो जाये। दिन में चार बार इस काढ़े को पीने से बुखार से राहत मिलता है

सोआ का काढ़ा- यह शरीर के प्रतिरक्षी तंत्र को तो उन्नत करता ही है साथ ही बुखार को कम करने में भी सहायता करता है। फल्वेनॉयड और मोनोटर्पीन के गुण होने के कारण यह फीवर से राहत दिलाने में मदद कर पाता है l एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच सोआ के दाने, एक छोटा चम्मच काली मिर्च और एक छोटा चम्मच कलौंजी डालकर दस मिनट तक उबालें। उबालने के बाद एक कप में छान लें और उसमें एक चुटकी दालचीनी का पावडर डालकर अच्छी तरह से मिला लें। काढ़ा को पीने से बुखार से राहत मिलेगी।

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