बच्चों के एनीमिया इलाज के लिए शामिल करें यह महत्वपूर्ण आहार टिप्स


भारत एक ऐसा देश जहां की अधिकतर आबादी का प्रधान भोजन शाकाहारी आहार होता है। इसके अलावा अधिकतर घरों में बच्चों को दूध देने का अधिक रिवाज है जिसकी वजह से कई बार माँ बाप बच्चों को आवश्यकता से अधिक दूध दे देते है जिसकी वजह से बच्चों में लोहे की कमी आ जाती है और आयरन और विटामिन की कमी के कारण बच्चे एनीमिया का शिकार हो जाते है।

आमतौर पर पहले जन्मदिन के बाद से चिकित्सकीय पैटर्न से एनीमिया दस्तावेज़ को पाना आसान हो जाता है और उचित आहार सलाह का पालन किया जायें तो बच्चों को बड़ी आसानी से एनीमिया से बचाया जा सकता है। बच्चों में सामान्य हीमोग्लोबिन का स्तर बिना आयरन थेरेपी के लौटाया जा सकता है।

निम्नलिखित सरल आहार सुझावों से बच्चों में एनीमिया से छुटकारा पाने में जल्द मदद मिलेगी:

बच्चे को बहुत ज्यादा दूध देने से बचें, आमतौर पर एक वर्ष की उम्र के लिए 600ml दूध काफी है। अधिक से अधिक दूध का गिलास 24 घंटे में देना चाहिए। दूध के बजाय आप अपने बच्चे के लिए अधिक फल और सब्जियों पर ध्यान केन्द्रित करें।

आप बच्चे के आहार में मांसाहारी आयरन की कमी को दूर कर सकते है। हमारा शरीर रेड मीट मछली, चिकन आदि से आसानी से अपेक्षाकृत हेमे आयरन अवशोषित कर लेता है।

आलू, गुड़ पालक, ब्रोकोली, बथुआ जैसी हरी सब्जियां आयरन के अच्छे स्त्रोत है इसलिए बच्चे के डाइट में इनको नियमित रूप से शामिल करें।

दाल का सेवन लोहे की कमी को बॉडी से जल्द दूर भगा सकती है। उड़द की दाल,छोले जैसे आहारों को वृद्धि कर अपने जीवन में शामिल रखें।

अगर संभव हो तो आप बच्चे के खाने को लोहे के बर्तन में बनाने का प्रयास करें इससे भोजन में आयरन की मात्रा बढ़ जायेगी।

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