गर्भधारण करने में आ रही है परेशानी तो अपनाए ये कारगर वास्तु टिप्स


आज के युग में कोई कितना ही मॉर्डर्न क्यों ना हो जाए लेकिन संतान तो हर महिला को चाहिए. गर्भावस्था एक औरत की जिंदगी का सबसे नाजुक और कोमल वक्त होता है. कहते हैं ना..कोई महिला तब तक पूरी नहीं होती है जब तक कि वो मां नहीं बनती है इसलिए मां बनने का अधिकार हर स्त्री का है लेकिन कभी-कभी कुछ कारणों की वजह से कुछ महिलाएं चाहकर भी मां नहीं बन पाती हैं. लेकिन हम आज आपको बताने जा रहें हैं वास्तु के कुछ कारगर टिप्स जो गर्भधारण में मदद करेंगे.

# एक महिला चंद्रमा की जिस स्थिति में पैदा हुई है, यदि वह उसी समय में संभोग करे तो आसानी से प्रेग्नेंसी कन्सीव कर सकती है. और वह बच्चा हष्ट-पुष्ट भी पैदा होता है.
# कमरे की दिशा- संतान के लिए इच्छुक जोड़ों को घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित कमरे का इस्तेमाल करना चाहिए। कम से कम तब तक जब तक गर्भ धारण ना हो जाए.
# अपने घर में या घर के आसपास फलों का पेड़ लगाएं, उसे समय से पानी दें और उसकी पूरी तरह से देखभाल करें. ठीक वैसे ही जैसे एक मां अपने बच्चे को स्नेह करती है, फेंग शुई के अनुसार फल देने वाला पेड़ महिला की प्रजनन शक्ति को बढ़ाता है.
# ये सुनिश्चित करने के लिए कि प्रेग्नेंसी बिना किसी परेशानी के आसानी से गुजर जाए, प्रेग्नेंट महिला को हमेशा दक्षिण-पश्चिम कमरे में ही सोना चाहिए. अगर ऐसा संभव ना हो तो उत्तर-पूर्व दिशा का कमरा भी बेहतर रहेगा. लेकिन पूरी प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भवती महिला को उत्तर-पश्चिम दिशा के कमरे का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए.

# इसके अलावा पति-पत्नी जिस कमरे में सोते हों वहां शीशा भी नहीं होना चाहिए. यह मान्यता वास्तु शास्त्र के माध्यम से भी काफी प्रचलित है. जिसके अनुसार बेडरूम में शीशा नहीं होना चाहिए, खासतौर पर ख्याल रखें कि यदि हो भी तो गलती से भी यह शीशा बिस्तर के ठीक सामने ना हो.

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