पीरियड (माहवारी) के रंग से जाने कितने स्वस्थ हैं आप


माहवारी (पीरियड्स) महिलाओं के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। कुछ महिलाओं में ये साइकल पांच से सात दिन की होती है तो कुछ में चार से पांच दिन की। इस दौरान महिला को चिड़चिड़ेपन, शरीर में दर्द और पाचन से जुड़ी समस्या हो जाती है। कई बार कब्ज की समस्या भी हो जाती है पर ये सभी परेशानियां पीरियड्स के खत्म होने के साथ ही दूर हो जाती हैं।

आमतौर पर आपको यही लगता होगा कि आपके पीरियड ब्लड का रंग लाल ही है। पर अगर आप कभी इस बात पर गौर करें तो आपको पता चलेगा कि पीरियड ब्लड का रंग गाढ़ा भूरा भी हो सकता है और हल्का गुलाबी भी। आमतौर पर शुरुआती दिनों में खून का रंग गाढ़ा होता है और अंत के दिनों में हल्का। कई बार ये काला भी हो सकता है।
विशेषज्ञों की मानें तो गाढ़े रंग के फ्लो का मतलब है कि जननांग से ब्लड का फ्लो बहुत ही धीमा है। स्त्री रोग विशेषज्ञ मानते हैं पीरियड ब्लड के रंग के आधार पर महिला के अंदरुनी स्वास्थ्य से जुड़ी कई बातों का पता चल सकता है।
रंग गाढ़ा भूरा: अगर आपके पीरियड ब्लड का रंग गाढ़ा भूरा है तो इसका मतलब है कि फ्लो हो रहा खून पुराना है. ये खून लंबे समय तक गर्भाशय में संग्रहित रहा होगा और फिर फ्लो हुआ। आमतौर पर गाढ़े भूरे रंग के ब्लड का फ्लो सुबह के समय ही होता है।
लाल रंग: लाल रंग के फ्लो का मतलब है कि ये खून नया बना और बहुत जल्दी ही उसका फ्लो हो गया। ये खून काफी हल्का होता है लेकिन दिन के समय जब फ्लो तेज होता है तभी लाल रंग का स्त्राव होता है। अगर आपको हल्के लाल रंग का फ्लो हो रहा है तो इसका मतलब है कि आप स्वस्थ हैं। आमतौर पर पीरियड के दूसरे दिन ऐसा फ्लो होता है। विशेषज्ञों की मानें तो लंबी पीरियड साइकिल वालों में ही ऐसा फ्लो होता है जो बाद में कुछ गाढ़ा हो जाता है।
काला रंग: काले रंग का ब्लड फ्लो खतरे का संकेत है। हो सकता है कि आपके गर्भाशय में संक्रमण हो या फिर ये गर्भपात का भी सूचक हो सकता है। अगर आपको पीरियड्स के सभी दिनों में काले रंग का ब्लड फ्लो हो रहा हो तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें।

नारंगी रंग: जब खून, गर्भाशय के ऊपरी हिस्से के तरल के साथ मिलकर फ्लो होता है तो इसका रंग नारंगी होता है। पर इसे हल्के में लेना सही नहीं होगा। यह किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है।

मध्यम लाल या क्रैनबेरी कलर: मासिक धर्म के लिये यह रंग स्वस्थ और अच्छा रंग माना जाता है। यह रंग मासिक धर्म के दूसरे दिन देखने को मिलता है। शोध कर्ता बताते हैं कि जिन्हें लंबी पीरियड साइकिल होती है,उन्हें यह रंग देखने को मिलता है। इसके बाद में यह क्रैनबेरी शेड बदल कर थोड़ा डार्क हो जाता है,जो कि सामान्य बात है।

रक्त का थक्का बनने पर : यदि मासिक धर्म का रक्त लाल रंग हो परन्तु उससे निकलने वाले खून में थक्का बना हुआ निकले तो आपमें प्रोजेस्ट्रोन का लेवल कम है और एस्ट्रोजन का लेवल अधिक है। ऐसे में फाईबर युक्त भोजन करने की आवश्यकता होती है जो की रक्त को थक्का बनने से बचाता है। अगर इस दौरान निकलने वाले रक्त के थक्के बहुत बड़े हो तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

एक टिप्पणी भेजें

यहाँ पर आपको मिलती है हेल्थ न्यूज, डेली हेल्थ टिप्स और ताजा स्वास्थ्य जानकारियां। इसके साथ ही जीवनशैली और चिकित्सा जगत में होने वाली नयी खोजों से अवगत भी कराते हैं हम।