अगर आप भी इस दिशा की तरफ पैर रखकर सोते हैं तो तुरंत बदल दें वरना हो जाएंगे गरीब

sleeping direction according to vastu
शास्‍त्रों में कुछ ऐसे नियम बताए गए हैं जो आपकी रोज की दिनचर्या में फॉलोव करना बेहद जरूरी है इससे आपका पूरा दिन अच्‍छा गुजरता है साथ में कई सारी समस्‍याएं भी दूर रहती हैं। अच्छी सेहत के लिए पौष्ट‍िक आहार, योग-ध्यान के साथ-साथ नियमित दिनचर्या भी जरूरी है। दिनचर्या में सही वक्त पर नींद लेना भी शामिल है। शास्त्रों में इस बारे में बताया गया है कि सोने का सही तरीका क्या होना चाहिए? जब भी आप आराम करे मतलब सुबह या शाम या रात को सोये तो हमेशा दिशाओ का ध्यान रख कर सोये।


आज हम आपको उसी दिशा के बारे में ज्ञान कराने जा रहे हैं
दरअसल शास्‍त्रों के अनुसार इस दिशा में पैर रखकर सोना अच्‍छा माना जाता है। बताया गया है कि कभी भी व्‍यक्ति को मुख्‍य दरवाजे की ओर पैर रखकर नहीं सोना चाहिए ऐसा करने से घर से बाहर जाने का संकेत होता है। ऐसा व्‍यक्ति के मृत्‍यु के बाद उसे इस दिशा में लिटाया जाता है ऐसा करने से व्‍यक्ति का स्‍वास्‍थय और आयु दोनों में कमी आती है।

शास्‍त्रों में सोने की सबसे सही दिशा पूर्व व उत्‍तर
दिशा बताया गया है। पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने से शरीर उर्जावान होता है और स्‍वास्‍थ्‍य भी सही रहता है। पूर्व और उत्‍तर की दिशा को सबसे सही दिशा माना गया है और यही से स्‍वर्ग का भी रास्ता जाता है। इस दिशा में सोने से मा‍नसिक तनाव से दूर रहता है। इस दिशा में सोने वाले व्‍यक्ति को सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए क्‍योंकि इसे सूर्य की दिशा भी माना जाता है और सूर्योदय के पूर्व न उठने से आपका पैर सूर्य की ओर होगा और ये सूर्य देवता का अपमान होगा।
  
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बताया जाता है कि पृथ्वी में चुम्बकीय शक्ति होती है। इसमें दक्षिण से उत्तर की ओर लगातार चुंबकीय धारा प्रवाहित होती रहती है। जब हम दक्षिण की ओर सिर करके सोते हैं, तो यह ऊर्जा हमारे सिर ओर से प्रवेश करती है और पैरों की ओर से बाहर निकल जाती है। ऐसे में सुबह जगने पर लोगों को ताजगी और स्फूर्ति महसूस होती है। इसके विपरीत, दक्षिण की ओर पैर करके सोने पर चुम्बकीय धारा पैरों से प्रवेश करेगी है और सिर तक पहुंचेगी। इस चुंबकीय ऊर्जा से मानसिक तनाव बढ़ता है और सवेरे जगने पर मन भारी-भारी रहता है।

शास्‍त्रों के अनुसार एक पौराणिक कथा भी इससे जुड़ी है एक बार मां पार्वती जब स्‍नान कर रही थी तब भगवान गणेश द्वार पर खड़े थें उन्‍होंने भगवान शिव को अंदर न जाने दिया तो शिव जी ने गणेश जी का सिर काट दिया इससे मां पार्वती बहुत दुखी हो गई और उनके अनुरोध पर भगवान ने आदेश दिया की जो भी उत्‍तर दिशा की ओर सिर करके सोया हो उसका सिर ले आओ। उस समय हर कोइ शास्‍त्र के अनुसार सोता था तभी अचानक एक हाथी का बच्‍चा मिला जो उत्‍तर‍ दिशा की ओर सिर करके सो रहा था इसलिए उसका सिर लाकर गणेश जी को जीवित किया गया। इसलिए भूलकर भी उत्‍तर दिशा की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए।

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