घरेलू उपचार को अपनाकर सही लेवल में रख सकते हैं अपना कोलेस्ट्रॉल


कोलेस्ट्रोल एक प्रकार की चर्बी है जो की हमारी लिवर द्वारा बनाया जाता है। शरीर के कार्य प्रणाली को ठीक रखने के लिए इसकी केवल उचित मात्रा ही आवश्यक होती है। जब एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में कोलेस्ट्रोल उचित मात्रा में पाया जाता है तब धमनी और  शिराओं में रक्त का बहाव सुचारु रूप से होता रहता है। लिवर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाने से आपकी रक्त-शिराओं में क्लॉटिंग होनी शुरू हो जाती है जिससे मानव का रक्त चाप बढ़ जाता है और वह छाती में दर्द, दिल के दौरे और कई दूसरे तरह के ह्रदय रोगों से पीड़ित हो जाता है।

कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने और घटने से अनेक बीमारियों  पैदा हो जाती है जिससे  निजात पाने के लिए पैसे वाले लोग सीधा डॉक्टर के पास पहुंच जाते है और डॉक्टर सीधा उनको एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह दे देते है। एंजियोप्लास्टी एक तरह का छोटा सा ऑपरेशन है। जिसमें दिल की नालियों में कुछ स्प्रिंग डाल दिए जाते है, जिसको स्टेंट भी कहा जाता है। जिन लोगो के पास पैसा है वो लोगे तो डॉक्टर्स के पास जाकर इस समस्या से निजात पा लेते है परन्तु उन लोगो को काफी समस्या आती है जो ग़रीब है।

अतः हम आपको आज कुछ घरेलू आयुर्वेदिक उपचार बताएंगे जिससे आप अपने रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और हार्ट अटैक को नियंत्रित कर सकते है :

1. अदरक में पाये जाने बाले तत्वो में खून को पतला करने के गुण होते है ब्लड के पतला हो जाने से हार्ट अटैक की संभावना कम हो जाती है इसलिए रोज अदरक का जूस पीना इस समस्या को कम कर सकता है।

2. लहसुन में पाए जाने वाला अलिसिन नामक तत्व एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायता करता है। वैज्ञानिकों के अनुसार रोज 2 से 3 लहसुन की कलियों का नियमित सेवन एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को 9 से 15 % तक बढ़ा सकता है। जिससे हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रित होता है।

3. ओट्स में पाया जाने वाला बीटा ग्‍लूकोन नामक गाढ़ा चिपचिपा तत्‍व हमारी आंखों की सफाई और कब्‍ज की समस्‍या दोनों को दूर करता है। जिसकी वजह से शरीर में बुरा कोलेस्‍ट्रॉल अवशोषित नहीं हो पाता है। अध्‍ययनों से यह बात सामने आयी है कि तीन महीनों तक नियमित ओट्स का सेवन बढे हुए कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर में पांच फीसदी तक कमी ला सकता है।

4. निम्बू में पायें जाने वाले महतव्पूर्ण पोषक तत्व जैसे की पोटैशियम, विटामिन सी और एंटीओक्सिडेंट ना सिर्फ रक्त को साफ़ करते है बल्कि ये शरीर की प्रतिरोधक शक्ति को भी बढाते है।

5. ऑलिव ऑयल में मौजूद मोनो अनसैचुरेटेड फैट कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर को स्थिर रखने में मदद करता है। यह धमनियों की दीवारों को मजबूती प्रदान करता है।जिससे हाई ब्‍लड प्रेशर और शुगर लेवल नियंत्रित रहता है। रिसर्च के अनुसार छह सप्‍ताह तक नियमित रूप से ऑलिव ऑयल का सेवन किये जाने से बढे कोलेस्‍ट्रॉल के स्‍तर में 8 % तक की कमी लायी जा सकती है।

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