हर्निया के इलाज़ के लिये घरेलु नुस्खा।


हर्निया पेट की दीवार की दुर्बलता से होता हैं। आम बोलचाल की भाषा में हर्निया पेट के किसी भी हिस्से में पैदा होने वाले उभार को कहा जाता हैं। इसे आंत उतारना भी कहा जाता हैं। व्यक्ति जब लेटता हैं तो यह उभार गायब हो जाता हैं। विशेषज्ञ बताते हैं के ये रोग ज़्यादातर पुरुषो को होता हैं। आइये जाने इस का उपचार।

लक्षण :

  • पेट में दर्द होना। यह दर्द निरंतर या कभी कभी हो सकता हैं।
  • नाभि क्षेत्र का किसी भी प्रकार से फूलना अथवा उसमे उभार महसूस होना।
  • पुरुषो के अंडकोष में हवा या पानी भरने जैसा महसूस होना। उल्लेखनीय हैं के ये लक्षण लेटने पर समाप्त हो जाते हैं।

कारण :

  • समय से पूर्व पैदा होने वाले बच्चे में ये अधिक होते देखा गया हैं।
  • वृद्धावस्था
  • मोटापा
  • लम्बे समय से खांसी से पीड़ित रहना
  • लम्बे समय से कब्ज से पीड़ित रहना
  • लगातार खड़े रहना जैसे सेल्समैन, अध्यापक, बस कंडक्टर, सुपरवाइजर जैसे कार्य करने वाले लोग।
  • कुपोषण श्रमिक अथवा अधिक वजन उठाने से।

घरेलु नुस्खे :

- मुलैठी कफ, खांसी में मुलैठी तो रामबाण की तरह काम करता है और आजमाय हुआ भी है। हर्निया के इलाज में भी अब यह कारगर साबित होने लगा है, खासकर पेट में जब हर्निया निकलने के बाद रेखाएं पड़ जाती है तब इसे आजमाएं। 
 - अदरक के जड़ अदरक की जड़ पेट में गैस्ट्रिक एसिड और बाइल जूस से हुए नुकसान से सुरक्षा करता है। यह हर्निया से हुए दर्द में भी काम करता है। 
 - बबूने का फूल पेट में हर्निया आने से एसिडिटी और गैस काफी बनने लगती है। इस स्थिति मेंम बबूने के फूल के सेवन से काफी आराम मिलता है। यह पाचन तंत्र को ठीक करता है और एसिड बनने की प्रक्रिया को कम करता है। 
 - मार्श मैलो यह एक जंगली औषधि है जो काफी मीठी होती है। इसके जड़ के काफी औषधीय गुण हैं। यह पाचन को ठीक करता है और पेट-आंत में एसिड बनने की प्रक्रिया को कम करता है। हर्निया में भी यह काफी आराम पहुंचाता है। 
 - हावथोर्निया यह एक हर्बल सप्लीमेंट है जो पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और पेट के अंदर के अंगों की सुरक्षा करती है। यह हर्निया को निकलने से रोकने में काफी कारगर है। हावथोर्निया में Citrus Seed, Hawthorn और Fennel मिली होती है। 
 - एक्यूपंक्चर हर्निया के दर्द में एक्यूपंक्चर काफी आराम पहुंचाता है। खास नर्व पर दबाव से हर्निया का दर्द कम होता है। - बर्फ बर्फ से हर्निया वाले जगह दबाने पर काफी आराम मिलता है और सूजन भी कम होती है। यह सबसे ज्यादा प्रचलन में है।

घरेलु उपचार :

1. त्रिफला – रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ १ चम्मच त्रिफला चूर्ण ले कर सोये।
2. अरण्ड का तेल – अगर अंडकोष में वायु भरी हुयी प्रतीत हो तो एक कप दूध में २ चम्मच अरण्ड का तेल डालकर एक महीने तक पिलाये, इस से हर्निया सही होता हैं। और 1 से 10 मिलिग्राम अरण्डी के तेल में छोटी हरड़ का 1 से 5 ग्राम चूर्ण मिलाकर दे1
3. कॉफ़ी – कॉफ़ी ज़्यादा पीने से भी इस रोग में बहुत लाभ मिलता हैं।
4. नारायण तेल : नारायण तेल से मालिश करना चाहिए। मात्रा 1 से 3 ग्राम दूध के साथ पीना चाहिए।
5. मैगनेट बेल्ट – मेग्नेट का बेल्ट बाँधने से हार्निया में लाभ होता है।
6. चुम्बकीय चिकित्सा से भी बहुत लाभ मिलता हैं। इसके लिए आप किसी चिकित्सक से परामर्श करे।
7. नए रोग में कदम्ब के पत्ते पर घी लगाकर उसे आग पर हल्का सा सेक कर अंडकोष पर लपेट दे तथा लंगोट से बाँध ले।
8. नियमित रूप से दस ग्राम अदरक का मुरब्बा सवेरे खाली पेट सेवन करने से हर्निया रोग ठीक होता हैं। एक से दो महीने सेवन करने से ही प्रयाप्त लाभ होता हैं।

रखे ध्यान :

  • शरीर का वजन नहीं बढ़ने दे। मोटापे पर लगाम रखे।
  • क्षमता से अधिक वजन भूलकर भी ना उठाये।
  • खांसी को बढ़ने नहीं दे तथा आयुर्वेदीय पथ्य का पालन करते हुए समय रहते ही इसका इलाज कराये।
  • ऐसा ऑपरेशन चीरा लगा हो उसमे पर्याप्त आराम करे।
  • अंडरवियर हमेशा टाइट अथवा लंगोट धारण करे।
  • हर्निया के बीमारो को कम खाना चाहिए।
  • कब्ज़ न रहने दे।
  • मल त्यागते समय मल बाहर निकालने के लिए ज़ोर नहीं लगाये।

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