सोते समय पेशाब करने की बीमारी से बचने के घरेलु उपाय, जरुर पढ़ें


नवजात शिशुओं व बच्चों में बिस्तर पर ही पेशाब करने की आदत असामान्य नहीं है। किंतु यदि बच्चा 7-8 वर्ष का हो गया हो और बिस्तर में पेशाब करता हो तो यह स्थिति चिंताजनक हो जाती है।

बिस्तर में पेशाब न करने का उपचार

1. छुहाराः जो बच्चे बिस्तर गीला कर देते हों उन्हें सोने से पहले छुहारे के कुछ टुकडे खिला दें। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि शाम होने के बाद उन्हें तरल पदार्थ न पिलाएं तथा भोजन में आलू का हलवा बनाकर खिलाएं। इस उपचार से यह समस्या समाप्त हो जाएगी।

2. अखरोटः बच्चों को प्रतिदिन दो अखरोट व 10-12 किशमिश के दाने 15-20 दिनों तक खिलाएं। उनकी बिस्तर में पेशाब करने की आदत दूर हो जाएगी। व दो ग्राम पिसी हुई मिश्री मिलाकर एक चम्मच मात्रा की फंकी बच्चे को दें। इसके ऊपर से शीतल जल पिलाएं इससे बिस्तर में पेशाब करने का रोग दूर हो जाएगा।

3. आंवला: एक ग्राम पिसा हुआ आंवला, एक ग्राम पिसा हुआ काला जीरा व दो ग्राम पीसी हुई मिश्री मिलाकर एक चम्मच मात्रा कि फंकी बच्चे को दें| इसके ऊपर से शीतल जल पिलाएं| इससे बिस्टर में पेशाब करने का रोग दूर हो जायेगा|

50 ग्राम सूखा आंवला व 50 ग्राम काला जीरा को कूट -पीसकर 300 ग्राम शुद्ध शहद में मिला लें। इसमें से छह ग्राम सुबह-शाम बच्चों को चटाएं|

4. केलाः बच्चे को आधा केला व एक चौथाई कप आंवले के रस में स्वादानुसार चीनी मिलाकर पिलाएं। इससे बच्चे को बार-बार पेशाब आना बंद हो जाएगा।

5. जामुनः जामुन की गुठली का चूर्ण पानी के साथ मिलाकर बच्चे को पिला दें। बच्चा बिस्तर में पेशाब करना बंद कर देगा।

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