बच्चों की सबसे प्यारी आदतों में से एक है उनका खेलते समय फर्श पर बैठना। लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि आपका बच्चा किस तरह से बैठता है? कई बार बच्चे ऐसे बैठते हैं कि उनके घुटने मुड़े होते हैं और पैर शरीर के बाहर की तरफ होते हैं। इस तरह से बैठने पर उनका निचला शरीर अंग्रेजी के अक्षर 'W' जैसा दिखता है, जिसे हम 'W-सिटिंग' कहते हैं। यह भले ही देखने में सामान्य लगे, लेकिन अगर बच्चा ज़्यादा समय तक इसी तरह बैठता है, तो यह उसके शारीरिक विकास के लिए नुकसानदेह हो सकता है।
W-सिटिंग क्या है और यह इतनी आम क्यों है?
W-सिटिंग एक ऐसी बैठने की मुद्रा है जिसमें बच्चे के कूल्हे अंदर की ओर मुड़े होते हैं, घुटने आगे की तरफ होते हैं, और पैर बाहर की तरफ फैले होते हैं। इस स्थिति में बच्चे का धड़ (trunk) उसके पैरों से घिरा होता है, जिससे उसके लिए संतुलन बनाए रखना बहुत आसान हो जाता है।
यह बच्चों में इतनी आम इसलिए है क्योंकि यह उन्हें खेलते समय स्थिरता देती है। जब वे इस तरह से बैठते हैं, तो उन्हें अपने शरीर को संभालने के लिए कोर मांसपेशियों का ज़्यादा इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है। इससे वे अपने हाथों से आसानी से खेल सकते हैं, खिलौनों तक पहुँच सकते हैं और गिरते नहीं हैं। कई बच्चों को यह आरामदायक भी लगता है। लेकिन, यही आराम आगे चलकर कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
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W-सिटिंग के नुकसान: क्यों है यह चिंता का विषय?
भले ही W-सिटिंग से बच्चों को तुरंत कोई नुकसान न दिखे, लेकिन लंबे समय तक इसी तरह बैठने से उनके शारीरिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। आइए, इसके कुछ प्रमुख नुकसानों को विस्तार से समझते हैं।
1. मांसपेशियों में खिंचाव और जकड़न
W-सिटिंग में बैठने से पैरों और कूल्हों की कुछ मांसपेशियाँ लगातार खिंची रहती हैं, जबकि कुछ सिकुड़ जाती हैं। इससे हिप एडक्टर (hip adductor), हैमस्ट्रिंग (hamstrings) और एड़ियों की मांसपेशियाँ सख्त हो सकती हैं। अगर कोई बच्चा ज़्यादा समय तक ऐसे बैठता है, तो मांसपेशियों की यह जकड़न भविष्य में उसके चलने, दौड़ने और संतुलन बनाए रखने में बाधा डाल सकती है।
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2. कूल्हों के विकास पर असर
यह मुद्रा कूल्हों के विकास के लिए बहुत अच्छी नहीं है। W-सिटिंग से कूल्हों के जोड़ों पर बहुत ज़्यादा दबाव पड़ता है। अगर किसी बच्चे को पहले से ही कूल्हे से जुड़ी कोई छोटी-मोटी समस्या है, तो यह स्थिति उसे और बिगाड़ सकती है, जैसे हिप डिसप्लेसिया। इस स्थिति में, कूल्हे का जोड़ अपनी जगह से थोड़ा खिसक जाता है, जो आगे चलकर चलने में परेशानी और दर्द का कारण बन सकता है।
3. कमज़ोर कोर और पोस्चर से जुड़ी समस्याएँ
W-सिटिंग में, बच्चे को संतुलन बनाए रखने के लिए अपनी कोर मांसपेशियों (पेट और पीठ की मांसपेशियाँ) का इस्तेमाल नहीं करना पड़ता है। इससे ये मांसपेशियाँ कमज़ोर हो सकती हैं। मजबूत कोर मांसपेशियाँ अच्छे पोस्चर, संतुलन और दैनिक गतिविधियों के लिए बहुत ज़रूरी होती हैं। अगर ये मांसपेशियाँ कमज़ोर रहती हैं, तो बच्चा आगे चलकर झुककर बैठ सकता है या उसका पोस्चर ख़राब हो सकता है।
4. खराब फाइन और ग्रॉस मोटर स्किल
W-सिटिंग में, बच्चे का धड़ (trunk) ज़्यादा घूम नहीं पाता है। इससे बच्चे को अपने शरीर के एक तरफ से दूसरी तरफ तक पहुँचने में दिक्कत होती है। यह दोनों हाथों के समन्वय (bilateral coordination) और फाइन मोटर स्किल के विकास को प्रभावित कर सकता है, जो पेंसिल पकड़ने, लिखने, कैंची चलाने और अन्य बारीक काम करने के लिए ज़रूरी हैं।
5. पैरों का अंदर की ओर मुड़ना (In-toeing)
कुछ मामलों में, लगातार W-सिटिंग करने से बच्चे के पैर अंदर की ओर मुड़ सकते हैं, जिसे In-toeing या पिजन टो (pigeon toe) भी कहा जाता है। इससे बच्चा चलते समय ठोकर खाकर गिर सकता है या उसका चलने का तरीका असामान्य हो सकता है।
अपने बच्चे को W-सिटिंग से कैसे बचाएँ?
W-सिटिंग को रोकना बहुत मुश्किल नहीं है। आप कुछ आसान तरीकों से अपने बच्चे को इस आदत से बचा सकते हैं:
धीरे-धीरे सुधार करें: जब भी आप अपने बच्चे को W-सिटिंग करते देखें, तो उसे डाँटने के बजाय प्यार से उसकी बैठने की मुद्रा को ठीक करें। आप उसके पैरों को सीधा करके या उसे दूसरी तरह से बैठने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं।
अन्य बैठने की मुद्राएँ सिखाएँ: अपने बच्चे को कुछ बेहतर और स्वस्थ तरीके से बैठना सिखाएँ, जैसे:
पलाथी मारकर (Criss-Cross Applesauce):
यह सबसे अच्छा तरीका है। इसमें बच्चे के पैरों की मांसपेशियाँ खिंची रहती हैं और कूल्हों पर सही दबाव पड़ता है।
एक तरफ पैर करके (Side-Sitting):
इस मुद्रा में बच्चे के दोनों पैर एक ही तरफ होते हैं। यह कोर की मांसपेशियों का इस्तेमाल करता है और संतुलन को बेहतर बनाता है।
दोनों पैर आगे की ओर फैलाकर:
इस तरह से बैठने पर भी बच्चे की पीठ सीधी रहती है और उसकी मांसपेशियों पर कोई दबाव नहीं पड़ता।
नियमित ब्रेक दिलाएँ:
अगर आपका बच्चा फर्श पर बैठकर कोई काम या खेल कर रहा है, तो उसे थोड़ी-थोड़ी देर में उठने और चलने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उसकी मांसपेशियों में जकड़न नहीं होगी।
पर्याप्त गतिविधि:
अपने बच्चे को खेलने के लिए प्रोत्साहित करें, जिसमें दौड़ना, कूदना और चढ़ना शामिल हो। ये गतिविधियाँ उसकी मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाए रखने में मदद करेंगी।
क्या करें अगर बच्चा नहीं मानता?
अगर आप अपने बच्चे को लगातार W-सिटिंग से रोकने की कोशिश कर रहे हैं और वह फिर भी इसी तरह बैठता है, तो यह किसी शारीरिक कारण का संकेत हो सकता है। ऐसे में, आपको किसी पीडियाट्रिक फ़िज़ियोथेरेपिस्ट या बाल रोग विशेषज्ञ (pediatrician) से सलाह लेनी चाहिए। वे आपके बच्चे की मांसपेशियों की ताकत और लचीलेपन का आकलन करके सही मार्गदर्शन दे सकते हैं।
निष्कर्ष -
W-सिटिंग बच्चों में एक आम आदत है, लेकिन इसके दीर्घकालिक नुकसान हो सकते हैं। एक अभिभावक के रूप में, हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चे के शारीरिक विकास पर ध्यान दें। उन्हें प्यार और धैर्य के साथ सही बैठने की मुद्राएँ सिखाना उनके स्वस्थ भविष्य के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। तो, अगली बार जब आप अपने बच्चे को W-सिटिंग करते हुए देखें, तो उसे डाँटें नहीं, बल्कि उसे मुस्कुराते हुए बताएं, "चलो, अब पलाथी मारकर बैठते हैं!"
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