आयुर्वेद के अनुसार, मंदाग्नि की वजह से जो रोग पैदा होते हैं उनमें सबसे भयंकर होता है गैस बनने का रोग। मंदाग्नि का मोटे तौर पर मतलब होता है डाइजेशन के लिए जरूरी एंजाइम्स का कम पड़ जाना और उसके चलते खाने का ठीक से हजम न होना। इसके पीछे भी कई बातें हैं। एक तो कुछ मौसम ऐसे होते हैं जिनमें हमारी पाचन शक्ति नेचुरली कम हो जाती है।
खाना खाने के बाद करीब सौ ग्राम छाछ या मट्ठे में 2 ग्राम अजवायन और एक चुटकी काला नमक मिलाकर पीने से गैस बनना बंद हो जाती है।
अलसी :
गैस की समस्या से परेशान हैं तो अलसी के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से गैस की समस्या दूर हो जाती है।
अजवायन :
दो ग्राम अजवायन को आधा ग्राम नमक के साथ चबाकर खायें। अगर अपच के चलते पेट दर्द हो रहा है तो वो भी ठीक हो जायेगा।
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हिंगाष्टक चूर्ण :
वैसे गैस से जुड़ी सभी दिक्कतों में हिंगाष्टक चूर्ण बहुत फायदा करता है। खाना खाने के बाद जरा सा चूर्ण पानी के साथ लें। ये गैस की समस्या को पूरी तरह से खत्म कर देता है।
लहसुन :
गैस परेशान कर रही है तो एक लहसुन की फांक, चार मुनक्के के साथ चबाकर निगल जायें। मुनक्के के बीज निकाल कर यूज करें। गैस तुरंत बाहर निकल जायेगी।