क्यों लगाया जाता है काली हल्दी का तिलक


काली हल्दी के प्रयोग से सभी इच्छाओं को पूरा किया जा सकता है। काली हल्दी को घर में मसालों के रूप में प्रयोग नहीं किया जाता है, इसका प्रयोग तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है। आइए आपको बताते हैं काली हल्दी के चमत्कारी प्रभावों के बारे में….

किसी की जन्मपत्रिका में गुरु और शनि पीड़ित हैं, तो वह जातक यह उपाय करें- शुक्लपक्ष के प्रथम गुरुवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे।
यदि आपके व्यवसाय में निरंतर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौड़ियां बांधकर 108 बार ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः’ का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में वृद्धि होती है।
यदि आपका व्यवसाय मशीनों से संबंधित है और आए दिन कोई महंगी मशीन आपकी खराब हो जाती है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केसर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें। यह उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी।
यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरंतर अस्वस्थ रहता है, तो गुरुवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के ऊपर से सात बार उतार कर गाय को खिला दें। तीन गुरूवार तक ये उपाय करें रोगी ठीक होने लगेगा।

बच्चे को नजर से बचाने के लिए काले कपड़े में काली हल्दी को बांधकर 7 बार बच्चे के ऊपर से उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, नजर उतर जाएगी।

शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिंदूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें। यह उपाय करने से धन में वृद्धि होती है।

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