बालतोड़ के आसान से किये जाने वाले घरेलु उपचार


बालतोड़ या बलतोड़ जिसे अंग्रेजी में बोइल्स (boils) कहते हैं वो एक फुंसी या फोड़ा है जो बाल टूटने के वजह से उत्पन्न होता है ये घाव आम घावों से अलग होता है और तकलीफदेह भी. शरीर के किसी भी हिस्से का अगर कोई बाल टूट जाए तो इस घाव के होने की संभावना बढ़ जाती है ज्यादातर ये पैर, हाथ, पीठ या जननांगों के पास की जगह पर होता है.

बालतोड़ के लक्षण-
1. प्रभावित जगह के त्वचा का लाला हो जाना
2. बालतोड़ होने पर प्रभावित जगह फूल जाती है.
3. प्रभावित जगह पर फुंसी निकलना 
4. फुंसी में पीव का भर जाना

बालतोड़ के घरेलु उपचार-
1. बालतोड़  की स्तिथि में अगर मुंह में गेंहू के कुछ दानों को हल्का चबा कर, फिर चबाये हुए गेंहू को बालतोड़ की जगह पर लगाया जाए तो बालतोड़ से आराम मिलता है.
2. बालतोड़ घाव के उपचार में पीपल भी एक योग्य औषधि का काम करती है. पीपल के पेड़ के छाल को पीस कर और पानी मिलाकर लेप बना लें और इसे दिन में दो बार घाव की जगह पर लगाएं.
3. बराबर मात्रा में नीम और काली मिर्च को पीस कर लेप बना लें. इस लेप को घाव की जगह पर लगाकर पट्टी बाँध लें. घाव जल्दी ठीक हो जाएगा आप चाहे तो सिर्फ नीम के पत्ते का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
4. एक चम्मच मैदा लें और घी में पका लें. ठंडा हो जाने के बाद इस लेप को घाव पर लगाकर पट्टी बाँध लें. घाव बहुत जल्दी ठीक हो जाएगा.
5. बालतोड़ के उपचार में मेंहदी भी फायदेमंद होता है मेंहदी के पत्तों को पीसकर बालतोड़ के घाव पर लगाने से घाव ठीक होता है.
6. एक चम्मच हल्दी पाउडर को एक गिलास उबले दूध में मिलाकर चार-पांच दिन तक पियें, घाव ठीक हो जाएगा.
7. एक साफ कपडा लें और गर्म पानी में भिगो लें. अब इस कपडे को घाव की जगह पर रखकर आहिस्ता आहिस्ता दबाएँ. ऐसा करने से दर्द तो कम होगा ही घाव भी ठीक होगा. आप चाहे तो पानी में नमक भी मिला सकते हैं.
8. प्याज में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिस वजह से बालतोड़ के उपचार में काम आता है. प्याज़ की एक स्लाइस घाव पर रखें और एक कपडे से बाँध लें. एक दो घंटे के बाद ये पट्टी हटा लें और फिर इस प्रक्रिया को एक घंटे बाद दुबारा दोहरायें.
9. लहसुन को पीस कर पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को घाव पर लगाएं. लहसुन की दो तीन कलियाँ कच्चा खाने से भी बालतोड़ में आराम मिलता है.
10. मक्के के आते को एक कप पानी में उबालकर गाढ़ा पेस्ट बना लें. ठंडा हो जाने के बाद इस पेस्ट को घाव पर लगाएं और पट्टी बाँध लें. दो तीन घंटे बाद पट्टी खोल कर घाव साफ़ कर लें. और दोबारा पट्टी बाँध लें.

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