स्वस्थ फेफड़े पाने के लिए अपनाएं ये उपाय


हमारी नासिका हमको पर्यावरण में उपस्थित अनेक प्रकार के हानिकारक पदार्थों से बचाती है। जबकि हमारे फेफड़े इस कार्य में दूसरी भूमिका निभाते हैं। फेफड़े हमको सांस लेने में सहायता करते हैं। हमारे शरीर और त्वचा के अन्य भागों की तरह फेफड़ों को भी अच्छी तरह से देखभाल की आवश्यकता होती है। इन्हीं फेफड़ों द्वारा ऑक्सीजन हमारे शरीर के सभी भागों तक पहुंचाई जाती है। अतः यदि हमारे फेफड़े ठीक प्रकार से काम नहीं करेंगे तो हमको ऐसी अवस्था में अनेक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पूरे संसार में जाने कितने लोग हर साल फेफड़े संबंधी बीमारियों से जूझते रहते हैं और टीबी, अस्थमा, निमोनिया, इन्फ़्लुएन्ज़ा और फेफड़े का कैंसर जैसी अनेक बीमारियों से पीड़ित रहते हैं। यही कारण है जिससे लगभग 1 करोड़ लोग मृत्यु को प्राप्त होते हैं।

यदि उचित जीवन शैली और धूम्रपान मुक्त वातावरण हमारे द्वारा तैयार किया जाये तो फेफड़े सम्बन्धी संक्रमणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार शरीर से विषैले पदार्थों को पूरी तरह से दूर करने के लिए फेफड़ों को हर दिन 20 मिनट तक तीव्र आंदोलन करना पड़ता है। हमारे पर्यावरण में पाए जाने वाले अनेक हानिकारक तत्व जैसे प्रदूषण, धूल और धूम्रपान आदि हमारे शरीर में अतिरिक्त विषैले पदार्थों को उत्पन्न करते हैं।

आइए जानते हैं किस प्रकार हम अपने फेफड़ों को साफ़ रख सकते हैं :

फेफड़ों को तंदरुस्त रखने के लिए उचित मात्रा में पानी पीना बहुत ही आवश्यक होता है। इससे फेफड़े हाइड्रेट (गीले) रहते हैं और फेफड़ों से गंदगी बाहर निकलती रहती है। अतः गर्मी हो या ठंड हमेशा उचित मात्रा में पानी पीना आवश्यक होता है।

धूम्रपान करने से हमारे फेफड़े सबसे अधिक क्षतिग्रस्त होते हैं। अधिक धूम्रपान करने से, फेफड़ों का कैंसर और सीओपीडी जैसी खतरनाक बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। अतः धूम्रपान को पूरी तरह से छोड़ कर हम अपने फेफड़ों को सुरक्षित कर सकते हैं।

ब्रीदिंग एक्सरसाइज करते रहने से हमारे फेफड़ों को मजबूती मिलती रहती है, जिसकी वजह से फेफड़ों के द्वारा अधिक काम लिया जा सकता है। यदि आपके फेफड़े स्वस्थ होंगे तो वह उचित मात्रा में ऑक्सीजन को हृदय और मांसपेशियों तक पहुचायेंगे।

रेडियोएक्टिव गैस जिसे हम रेडन के नाम से जानते हैं वह धरती पर यूरेनियम की खराबी से पैदा होती है। अक्सर घर की दीवार या नींव में पायी जाने वाली दरारों के द्वारा यह हमारे घर के अंदर घुस जाती है। जिसकी वजह से फेफड़ों के कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है। अतः अपने घर के आस पास इस गैस की जांच करवाते रहना चाहिए।

अधिक गर्मी में ओजोन और अन्य दूसरे प्रदूषक तत्व स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक हो सकते हैं। फेफड़ों की समस्या अधिकतर वायु प्रदूषण से होती है। इसलिये बाहर निकलते समय मेडिकेटिड मास्क का उपयोग और शरीर को समय-समय पर डिटॉक्सिफाई करते रहना लाभकारी होता है।

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