पीपल के पेड़ के औषधीय गुण जानकार आप रह जायेगे हैरान


आयुर्वेद में पीपल को औषधियों का खजाना माना गया है। आयुर्वेद में पीपल के औषधीय गुणों के कारण इसे कई बीमारियों को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है । पीपल का बूटा-बूटा और पत्ता-पत्ता हमें निरोग बनाता है, स्वस्थ रखता है और लम्बी आयु प्रदान करता है | पीपल के अलग-अलग हिस्सों जैसे पत्तों से लेकर छाल तक का उपयोग करके बुखार, अस्थमा, खांसी, स्किन डिजीज जैसी कई  बीमारियों से राहत पाई जा सकती है। आज हेर कोई ऐसे स्वस्थ शरीर की कमाना करता है जो लम्बे समय तक जीवित रह सकता है | तो आइये जानते हैं प्रकृति के ऐसे ही एक उपहार के बारे में जिसका नाम है पीपल का पेड़ |

क्या हैं पीपल के स्वास्थ्यवर्धक लाभ और उससे होने वाले घरेलु उपचार  … जानिये  

दांतों के लिए फायदेमंद होता है :- पीपल के उपयोग से मुँह की बदबू, दांतों की जडें कमजोर होना और मसूड़ों के दर्द को आसानी से दूर किया जा सकता है | इसके लिए 2 ग्राम काली मिर्च, 10 ग्राम पीपल की छाल और कत्था को बारीक पीसकर उसका पाउडर बना लें और इससे दांतों को साफ करें। आपको इन रोगों से अवश्य मुक्ति मिलेगी।

सांस की तकलीफ दूर करे :- पीपल का पेड़ सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए पीपल के पेड़ की छाल का अंदरूनी हिस्सा निकालकर सुखा लें। सूखे हुए इस भाग का चूर्ण बनाकर रोज़ कोसे पानी के साथ एक छोटा चम्मच चूर्ण का सुबह शाम सेवन करें | इससे आपको अवश्य फायदा होगा |

दन्तकांति प्रदान करे :- पीपल की दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं और दांतों में चमक आती है | इस दातुन से दन्त सम्बन्धी सभी समस्या समाप्त हो जाती हैं ।

पाचन शक्ति बढाए :- आठ लौंग,  दो हरड़, पीपल के चार फल तथा दो चुटकी सेंधा नमक को पीसकर चूर्ण बना लें और फिर इस चूर्ण को सुबह-शाम भोजन के बाद कोसे पानी के साथ लें | इससे आपकी पाचन शक्ति में सुधार होगा |

अजीर्ण रोग में दे फायदा :- पीपल की छाल, लौंग के चार नग, दो हरड़ तथा एक चुटकी हींग चारों चीजों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से अजीर्ण रोग दोर्र हो जाता है |

खट्टी डकार को दूर करे :- यदि आपको खट्टी डकारें आती हों तो पीपल के पत्तों को जलाकर उसकी भस्म में आधा नीबू निचोड़ कर सेवन करने आपको फायदा मिलेगा और खट्टी डाकर की शिकायत खत्म हो जाएगी ।

पेट के रोग दूर करे :- पीपल की छाल, जामुन की छाल तथा नीम की छाल तीनों छालों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लेकर अच्छे से कूट लें और फिर इसका काढ़ा बनाकर सेवन करें। यह काढ़ा पेट के हर रोग के लिए उत्तम औषधि का काम करेगा |

नपुंसकता का दोष दूर करे :- यदि व्यक्ति में नपुंसकता का दोष मौजूद है और वह सन्तान उत्पन्न करने में असमर्थ है तो उसे शमी वृक्ष की जड़ या आसपास उगने वाला पीपल के पेड़ की जटा को औटाकर उसका क्वाथ (काढ़ा) पीना चाहिए। पीपल के जड़ तथा जटा में पुरुषत्व प्रदान करने के गुण पाए जाते हैं |

दाद और खुजली को दूर करे :- दाद, खाज और खुजली दूर करने के लिए पीपल के 4 पत्तों को चबाकर सेवन करें।  या फिर पीपल के पेड़ की छाल का काढ़ा बना कर पियें इससे दाद व खुजली की शिकायत दूर हो जाएगी |

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