स्वस्थ जीभ का रंग गुलाबी होता है। लेकिन जब जीभ पर सफ़ेद धब्बे पड़ जाते हैं तो उसे सफ़ेद जीभ कहते हैं। सफ़ेद जीभ हो जाने से साँस में बदबू आने लगती है या मुह का स्वाद कड़वा हो जाता है। जब जीभ के ऊपर गंदगी, कीटाणु और सफ़ेद कोशिकाएं इखट्टी हो जाती हैं तब जीभ सफ़ेद हो जाती है। ऐसा कई कारणों से हो सकता है जैसे मुह की ठीक से सफाई न करने पर या शरीर में पानी की कमी होने से।
नमक:
नमक खुरदुरा होता है और त्वचा के ऊपर से मृत कोशिकाओं को हटा देता है। इसलिए आप थोड़ा नमक अपनी जीभ पर रखकर धीरे धीरे टूथब्रश से साफ करें। ऐसा एक मिनट तक करें फिर गुनगुने पानी से कुल्ला कर लें। यह क्रिया दिन में दो बार करें।
बेकिंग सोडा:
बेकिंग सोडा से भी जीभ की अच्छी सफाई हो सकती है। बेकिंग सोडा को थोड़े से नींबू के रस में मिलाएँ और फिर ब्रश से जीभ को साफ करें। ऐसा दिन में एक बार करें।
एलोवेरा:
एलोवेरा जूस में कीटाणुओं को मारने की क्षमता होती है। एक चम्मच एलोवेरा का रस मुह में लें और मुह में एक मिनट तक घुमाएं फिर थूक दें। उसके बाद एक चम्मच एलोवेरा रस पी लें। ऐसा दिन में 2-3 बार कुछ दिनों तक करें।
ग्लिसरीन:
अगर सफ़ेद जीभ शरीर में पानी की कमी की वजह से हुई है तो ग्लिसरीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। ग्लिसरीन की कुछ बूंदें जीभ पर डालें और सॉफ्ट टूथ ब्रश से धीरे धीरे साफ करें फिर गुनगुने पानी से धो लें। ऐसा दिन में दो बार करें।
ऑइल पुलिंग:
अगर सफ़ेद जीभ का कारण फंगस का इन्फेक्शन है तो ऑइल पुलिंग से मदद मिल सकती है। सुबह ब्रश करने से पहले एक चम्मच ऑलिव ऑइल मुह में लें और मुह में तब तक घुमाएं जब तक तेल सफ़ेद न हो जाये। बाद में तेल को थूक दें और गरम पानी से कुल्ला करें।
प्रोबायोटिक्स:
प्रोबायोटिक्स ऐसे जीव होते हैं जो मुह में कीटाणुओं को बढ्ने से रोकते हैं। प्रोबायोटिक्स दवाई के रूप में मेडिकल स्टोर में मिलते हैं। ब्रश करने के बाद आप प्रोबायोटिक्स की एक पुड़िया पानी में मिलाये और उससे थोड़ी देर तक कुल्ला करें। उसके बाद थोड़ा पानी पी लें। ऐसा एक हफ्ते तक दिन में एक बार करें।