शिशु के शरीर में अधिक गर्मी की पहचान करने के नायाब तरीके


गर्मी का पारा दिन ब दिन बढ़ता चला जा रहा है, और ऐसे में आप इससे बचने के लिए एसी-कूलर से लेकर न जाने क्या-क्या तरीके नहीं अपनाते हैं। लेकिन, अगर किसी को सच में इस गर्मी से समस्या है तो वह है नवजात शिशु को। क्योंकि, यदि उसे गर्मी लगती भी है तो वह उसे बता पाने में सक्षम नहीं होता है। हालाँकि, देखा जाए तो बड़े की तुलना में छोटे बच्चे के शरीर का तापमान अलग होता है। क्योंकि, इस समय शिशु की इम्युनिटी सिस्टम और शरीर की अन्य प्रक्रिया अभी अच्छे से विकसित नहीं होती है।


जो शिशु के शरीर के तापमान वृद्धि के लिए जिम्मेदार होते हैं। लेकिन, निचे कुछ ऐसे टिप्स बताए जा रहे हैं, जिसको ध्यान में रख कर आप इसकी पहचान कर सकते हैं, जिनमें निम्न शामिल हैं-

जब शिशु थका-थका सा और शांत रहे
अक्सर आपने देखा होगा कि जब शिशु कमजोर होता है, या उसके शरीर में ऊर्जा की कमी होती है तब वह बहुत शांत सा रहता है। या फिर आपने यह नोटिस किया होगा कि जब शिशु रोने की कोशिश करता है, और रोते-रोते चुप हो जा रहा हो या हांफने लग रहा हो तब यह समझना चाहिए कि शिशु के शरीर में ऊर्जा की कमी है। और यह कमी शरीर में अधिक गर्मी के कारण उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, इस दौरान जब आप उसे चुप या प्यार करने की कोशिश करते हैं तब वह कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है। ऐसे में तुरंत अपने शिशु के शरीर का तापमान चेक करें और उसके शरीर को कपड़े गीला कर के पोछ दें।


लगातार उल्टियाँ करना
शिशु में बिना कारण के यदि लगातार उल्टी हो रही हो तो यह हीटस्टॉक के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में, सबसे पहले शिशु के शरीर को अच्छे से कपड़े भिंगो कर पोछ दें, और यदि दो से अधिक कपड़े पहनें हैं तो उसे कम कर दें। साथ ही जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें।


लगातार रोना
बच्चे अपनी बातों को या प्रॉब्लम को रो कर ही बताते हैं। ऐसे में, जब आपका बच्चा बहुत जोर-जोर से रो रहा हो तब उसका सीधा सा अर्थ होता है कि या तो उसे भूख लगी है या वह अपनी डाइपर चेंज करने की डिमांड कर रहा है। लेकिन, इसके बावजूद भी एक चीज़ें हैं जो उसे रोने के लिए प्रेरित करती हैं, और वह है उसके शरीर का तापमान। ऐसे में, सबसे पहले अपने शिशु के शरीर का तापमान चेक करें। अगर इन सब के बावजूद बच्चे चुप नहीं हो रहे हों तो यह गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


शिशु के शरीर में नमी
जब शिशु के सिर, गर्दन, छाती और शरीर के अन्य हिस्सों में नमी के साथ-साथ पसीना और शरीर गर्म लग रहा हो। तब यह सीधे तौर पर शिशु के शरीर के तापमान में वृद्धि की ओर इशारा करता है। ऐसे में, तुरंत शिशु के कपड़े की लेयर को कम करें और रूम के तापमान को एडजस्ट करें। इन सब के बावजूद यदि बच्चे के शरीर का तापमान सामान्य नहीं हो, और यदि टेम्प्रेचर 100.4 डिग्री फारेनहाइट हो तब यह समझना चाहिए कि उसे बुखार है। ऐसे में, जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय रहते शिशु का इलाज किया जा सके।


शरीर पर लालिमा
शिशु के शरीर का गर्मी के कारण लाल होना आम बात है, लेकिन यह समस्या बहुत अधिक हो रहा हो तब चिंता की बात है। क्योंकि, यह हीटस्टॉक का लक्षण हो सकता है, ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


बेचैनी
यदि आपका बच्चा बहुत अधिक बेचैन हो रहा हो, और आपके लाख कोशिश के बाद भी न तो वह चुप हो रहा हो और न ही सो रहा हो तब यह ओवरहिटिंग का लक्षण हो सकता है। हालाँकि, कभी-कभी यह बैचेनी कमरे का तापमान सही न होने के कारण भी हो सकता है, ऐसे में ऐसे में रूम का तापमान शिशु के अनुकूल रखें।

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