कैंसर के बढ़ते मामलों में अब कोलोन कैंसर के मामले भी सामने आने लगे हैं, इसे बड़ी आंत का कैंसर भी कहते हैं । जानें इसके शुरुआती लक्षणों को ।
कोलोन या कोलोरेक्टल कैंसर को बड़ी आंत का कैंसर भी कहते हैं । ये कैंसर बड़ी आंत (कोलोन) या रेक्टम (गैस्ट्रो इंटस्टाइनल का अंतिम भाग) में होता है। दुनियाभर में कैंसर की तेजी से फैल रही यह तीसरी किस्म है। इस कैंसर की शिकायत होने पर पेट से जुड़ी प्रॉब्लम्स जैसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम, बवासीर और कब्ज की समस्या होती है । कोलोन कैंसर को पहचानने के कुछ और तरीके हैं जिन्हें अगर आप जान लें तो आप इसे बहुत पहले समझ कर सचेत हो सकते हैं ।
पेट फूलना – कोलोन कैंसर होने से डाइजेशन सही से नहीं हो पाता। ऐसे में बार-बार पेट फूलने की प्रॉब्लम हो जाती है।
वजन घटना – डाइट या एक्सरसाइज में बदलाव किये बगैर अचानक वजन घटने लगे, तो ये बड़ी आंत में कुछ गड़बड़ी की निशानी हो सकता है ।
पेट दर्द – पेट के निचले हिस्से में अक्सर दर्द या ऐंठन महसूस हो तो आपको कोलोन कैंसर हो सकता है।
कमजोरी – अक्सर कमजोरी फील होना, थोड़ा काम करने पर ही थक जाना ये भी कोलोन कैंसर की दस्तक हो सकती है, ज्यादा दिक्कत होने पर डॉक्टरी सलाह अनिवार्य है ।
बाउल हैबिट्स में चेंज – बाउल हैबिट्स में अचानक बदलाव होना, कब्ज या लूज मोशन की प्रॉब्लम बार-बार होना, इस खतरनाक कैंसर की ओर इशारा कर सकते हैं । ज्यादा दिनों तक लापरवाही ना करें, इलाज कराएं ।
पेट साफ ना होना – पेट ठीक तरह से साफ ना हो पाए। बार-बार टॉयलेट जाने की जरुरत महसूस हो तो ये मेडिकल हेल्प लेने का समय हो सकता है ।
स्टूल में ब्लड – स्टूल के साथ ब्लड आये तो इसे इग्नोर ना करें। कोलोन कैंसर में स्टूल के साथ ब्लड आने या रेक्टम में ब्लीडिंग होने की प्रॉब्लम होती है।
वॉमेटिंग – बार-बार वोमिटिंग होना या जी मिचलाना खराब डायजेशन की निशानी है और ये भी आंत में गड़बड़ी के संकेत हैं ।