कंधे का दर्द एक बहुत ही आम शिकायत है। ऐसा माना जाता है कि कंधों के आसपास जोड़ों में सूजन आने के कारण यह दर्द होता है। ऐसे दर्द में कभी-कभी कंधे सुन्न भी पड़ जाते हैं। कंधे का दर्द दिनभर की गतिविधियों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है। फ्रोजन शोल्डर की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दोगुनी पाई गयी है। रोटेटर कफ में तकलीफ की स्थिति 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों में ज्यादा देखी जाती है। कंधे के अत्यधिक प्रयोग से उम्र की वजह से होने वाली गिरावट में तेजी आ सकती है।
फ्रोज़न शोल्डर के लक्षण
- कंधों का सुन्न पड़ जाना
- कंधों को घुमाने में असमर्थता महसूस होना
- रात में कंधों में तीव्र दर्द होना
कारण
- अधिकतर समय जमे हुए कंधे का कोई कारण नहीं होता। खतरा बढ़ाने वाले कारकों में हैं:
- गर्दन में डिस्क सम्बन्धी रोग।
- दीर्घकालीन रोग जैसे कि मधुमेह या आर्थराइटिस।
- रजोनिवृत्ति की आयु वाली महिलाएँ।
- कंधे की चोट।
- कंधे की शल्यक्रिया।
- ओपन हार्ट सर्जरी।
- थाइरोइड सम्बन्धी समस्याएँ।
कंधों की जकड़न से बचने के उपाय
कंधों की जकड़न में अकसर मालिश या सेंक से आराम मिलता है। अगर इससे आराम नहीं मिलता है तो निम्न उपाय अपनाने चाहिए:
- दर्द को अनदेखा न करें। यह लगातार हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
- सामान्य कंधों के दर्द में दर्द निवारक दवाओं से ही राहत मिल जाती है। ऐसा दर्द कंधों में सूजन के कारण होता है, इसलिए सूजन कम करने वाली दवाएं भी राहत पहुंचा सकती हैं। लेकिन दर्द की दवाओं का प्रयोग केवल आपात स्थिति में ही करें।
- कंधों को गर्म या ठंडा सेक दें।
- दर्द से जल्द आराम के लिए एक्यूपंक्चर चिकित्सा का सहारा ले सकते हैं।
- फ्रोजन शोल्डर की चिकित्सा का सबसे अच्छा उपाय फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) माना जाता है। फिजियोथेरेपी में कंधों में खिंचाव उत्पन्न कर कंधों को दोबारा गतिमान बनाना होता है। ऐसा करने के लिए कंधों के विभिन्न बिंदुओं को व्यायाम द्वारा धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया जाता है।
- फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) की चिकित्सा समय पर नहीं की गई तो मरीज को पूरा जीवन इस समस्या के साथ बिताना पड़ सकता है।