चेचक होने पर करे तुलसी और शहद का सेवन


तुलसी हमारे घर का ही नहीं आपकी सेहत का भी अधिक ख्याल रखती है. इसका सेवन करने से आप कई बीमारियों से बच सकते है. माना जाता है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होता है वहां कभी भी सांप, बिच्छू, मच्छर और हानिकारक कीड़े नहीं होते हैं. तो जानिए कई गुणों से भरपूर तुलसी के बारे में जो आपकी कई बीमारियों को छूमंतर करने की क्षमता रखती है.

जानिए इसका सेवन करने से किन-किन बीमारियों से बच सकते है.

1-तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं. तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है. त्वचा रोग दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है.

2-नैचुरोपैथों द्वारा ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है. तुलसी की ताजा पत्तियों को संक्रमित त्वचा पर रगड़ें. इससे इंफेक्शन ज्यादा नहीं फैल पाता.

3-तुलसी के पत्ते और अजवाइन को पीस कर प्रतिदिन सेवन करने से चेचक का बुखार शान्त होगा. तुलसी के पत्तें व नीम की नई पत्ती को मिलाकर चूर्ण बनाए और शहद या मिश्री के साथ सुबह के समय खाए चेचक के दाने और जलन कम होगी. सुबह के समय तुलसी पत्ती का रस पीने से चेचक से आराम मिलेगी.

4-तुलसी पत्ती का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से उल्टी बंद होती है और चक्कर भी आने कम होते है. 10 ग्राम तुलसी पत्ती को 1 ग्राम इलायची के साथ पीस ले फिर इसमें 10 ग्राम चीनी मिलाकर खाए. इससे पित्त के कारण होने वाली उल्टी दूर होगी.

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