कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए इसका इलाज पहले चरण में ही कराना बेहतर होता है। लेकिन कैंसर के ज्यादातर मामलों में इसका खुलासा तब होता है, जब यह अपनी प्रारंभिक अवस्था से आगे बढ़ चुका होता है। ऐसे में कीमोथैरेपी के अलावा कैंसर को और कोई इलाज नहीं होता और यह अत्यधिक तकलीफदेह होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी, कि चौथी स्टेज पर आने के बाद भी कैंसर का इलाज संभव है, सिर्फ एक जूस के सेवन से ।
प्रसिद्ध ऑस्ट्रियाई वैज्ञानिक रुडोल्फ ने कैंसर और अन्य असाध्य रोगों से 42,000 से अधिक लोगों को ठीक किया है। औऱ इसका दावा है कि जूस 45 दिनों में कैंसर को पुरी तरह से ख़त्म कर देगा। रुडोल्फ ने सिफारिश की है कि कैंसर पीडित सभी लोगों को सिर्फ चाय और इस सब्जी का रस पीना चाहिए। इस अद्भुत रस में मुख्य घटक चुकंदर है। उनका दावा है कि इस चक्र के दौरान, कैंसर की कोशिका मर जाते हैं। इसके लिए केवल जैविक या स्थानीय रुप में उगाई गई सब्जियों का उपयोग करें।
इसके लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी :
- चुकंदर (55 %),
- गाजर (20 %),
- अजवाइन रूट (20 %),
- आलू (3%),
- मूली (2 %)
Rudolf Breuss ने एक ख़ास जूस तयार किया जिसके बहुत ही शानदार नतीजे देखने को मिले, उन्होंने इस तरीके से 45,000 से भी ज़यादा लोग जिन्हें कैंसर या कई इसी लाइलाज बीमारियाँ थी को ठीक किया | ब्रोज्स का कहना था के कैंसर सिर्फ प्रोटीन पर ही जिंदा रहता है
कैंसर के सेल्स का मेटाबोलिज्म हमारे शारीर में मोजूद बाकी सेल्स से अलग होता है , Rudolf Breuss का ये ख़ास किस्म का रस इस तरीके से तयार किया गया है जिस से कैंसर के सेल्स तक कोई ठोस प्रोटीन युक्त भोजन ना पहुच सके और कोई खुराक न मिलने के कारण उसके सेल्स अपने आप ख़त्म हो जाएँ परन्तु ये रस शारीर के बाकि सेल्स को कोई नुकसान नही पहुचाता।
इस ख़ास जूस में इस्तेमाल होने वाले फल और सब्जियां :
- 1 चुकंदर (beet root)
- 1 गाजर (carrot)
- 1/2 आलू (potato)
- 1 मूली (radish)
- 1 अजवायन के पोदे की डंडी (celery stick)
सभी चीज़ों को जूसर में डाल कर अच्छे से रस निकाल लें और इसे छान लें ता के कोई भी ठोस चीज़ उस में न जाएँ। गिलास में डाल कर इसे ताज़ा पीयें।
जूस प्रयोग करने के साथ-साथ डॉक्टर से ट्रीटमेंट भी लेते रहें।