डायपर से होने वाले दानों का घरेलू और नैचुरल उपचार


हर माँ यही चाहती है कि वो अपने बच्चे का ध्यान अच्छी तरह से रखे, लेकिन आपके नवजात बच्चे की त्वचा अभी बनना शुरू हुई है और जाहिर सी बात है कि बहुत संवेदनशील भी है। और इसी कारण आपके लाख ध्यान रखने के बावजूद भी संभावना है कि आपके बच्चे को कभी ना कभी डायपर रैश हो जाएँ। नवजात बच्चों को डायपर रैश होना बहुत आम बात है, इसके अलावा यह समस्या 2 साल से ज्याद उम्र के बच्चों में भी देखी जा सकती है। इसकी वजह से बच्चे में चिडचिडापन होने लगता है। ये रैशेस आमतौर पर ज्यादा देर तक गीले डायपर के पहनने से हुए बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से होते हैं। इस इन्फेक्शन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि:
  • आपके लाख सोखने के बावजूद भी गीलापन का रह जाना।
  • डायपर का बहुत ज्यादा टाइट होना।
  • बहुत ज्यादा संवेदनशील त्वचा।
  • माँ के या बच्चे के खाने की चीज़ों में बदलाव।
  • बच्चे की नैपी का ज्यादा देर तक गन्दा रहना।
  • बार-बार वेट वाइप्स का इस्तेमाल।
  • बच्चे की त्वचा पर बिल्कुल भी हवा का ना लग पाना।
समय-समय पर डायपर बदलते रहें 
डायपर रैश होने का सबसे बड़ा कारण डायपर का ज्यादा समय तक गीला और गन्दा रहना है। ज्यादा वक़्त तक गीले रहने के कारण भी फंगल आदि के कारण रैशेस हो जाते हैं। नवजात शिशुओं को दिनभर में 10 से 12 तक डायपर लगते हैं, और इससे ज्यादा भी लग सकते हैं, तो अब आप समझ ही गई होंगी कि आपको कितने जल्दी-जल्दी डायपर बदलना रहना है। इसके साथ ही एक बात और ध्यान रखें, डायपर निकलते वक़्त बच्चे की त्वचा को सुखाने के लिए रगड़ें नहीं, बल्कि थपथपा कर सुखाएं।

पेट्रोलियम जेली 
पेट्रोलियम जेली बच्चे के डायपर एरिया को सुखाकर रखने का काम करती है, इसकी वजह से बच्चे को इस जगह पर जलन भी नहीं होती। ये डायपर और बच्चे की त्वचा के बीच होने वाले फ्रिक्शन को भी रोकती है। ज्यादातर डॉक्टर्स भी इसी बात की सलाह देते हैं कि आप अपने बच्चे के डायपर एरिया को सूखा और साफ रखें और इस काम में पेट्रोलियम जेली आपकी काफी मदद कर सकती है। बच्चे के डायपर एरिया को गर्म पानी और सूखे कपड़े से साफ करने के बाद अच्छी तरह से पेट्रोलियम जेली लगा दें। नहाने के बाद भी पेट्रोलियम जेली को अच्छी तरह से लगा दें। और एक बात और ध्यान रखें, सुखाने के लिए वेट वाइप्स का कतई इस्तेमाल ना करें।

विनेगर 
विनेगर और पानी को एक समान मात्रा में मिला लें। इस मिश्रण से बेबी के डायपर एरिया को साफ कर लें। टॉयलेट का पीएच लेवल काफी ज्यादा होता है, ज्यादा देर तक डायपर में रहने से जिसकी वजह से बच्चे को जलन हो सकती है। विनेगर का ये मिश्रण पीएच लेवल को बैलेंस करेगा और यीस्ट इंफेक्शन से भी बचाएगा।

नारियल का तेल 
नारियल का तेल बच्चे की त्वचा को राहत देगा। यह त्वचा पर यीस्ट और फंगस या माइक्रोबियल (Microbial) इंफेक्शन होने से भी रोकता है। आप चाहे जितनी बार भी डायपर एरिया पर नारियल तेल लगा सकते हैं। या फिर नहाने के पानी में इसकी कुछ बूँदें डालकर भी बच्चे को नहला सकती हैं। इससे एक और फायदा भी होगा कि बच्चे की त्वचा में नमी भी बनी रहेगी।

बेकिंग सोडा 
बेकिंग सोडा में हीलिंग प्रदान करने की क्षमता होती है। बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करने के लिए 2 कप पानी में 1 चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर डायपर एरिया को साफ करें।

बच्चे के खानपान का ध्यान रखें 
यदि आपका बच्चा बाहर का खाना लेने लगा है, तो बच्चे को कोई भी ऐसी चीज़ ना खिलाएं जिससे उसे लूज मोशंस होने की संभावना हो। डायरिया भी डायपर रैशेस का एक मुख्य कारण है। इसकी वजह से बच्चे को डायपर एरिया में जलन होने लगती।

ध्यान दें!!!
बच्चे को दिनभर डायपर पहनाकर ना रखें। कुछ समय के लिए उसकी त्वचा हवा में खुला रहने दें। जहाँ तक हो सके डिस्पोजेबल डायपर की जगह पर कपड़े की नैपी का इस्तेमाल करें।

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