अपेंडिसाइटिस के लिए घरेलू उपचार

अपेंडिसाइटिस पेट में संक्रमण के कारण होता है, इसकी वजह से पेट में बहुत तेज दर्द होता है, इस समस्‍या के उपचार के लिए इन घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग कर सकते हैं।
क्‍या है अपेंडिसाइटिस

अपेंडिसाइटिस को अपेंडिक्स भी कहते हैं। यह छोटी व बड़ी आंत के जोड़ पर मौजूद शहतूत के आकार होता है। इसमें जब संक्रमण होता है तब इसे अपेंडिसाइटिस कहते हैं। इस समस्‍या में पेट में काफी दर्द होता है। इस समस्‍या को दूर करने के लिए घरेलू नुस्‍खों को आजमा सकते हैं। आइए हम आपको बताते हैं अपेंडिसाइटिस के लिए आप किन-किन घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग कर सकते हैं।
फायदेमंद है लहसुन

अपेंडिक्‍स के उपचार के लिए लहसुन बहुत फायदेमंद माना जाता है। रोजाना खाली पेट 2 से 3 कच्‍ची लहसुन का सेवन करने से आराम मिलता है। आप खाना पकाते वक्‍त भी लहसुन का प्रयोग कर सकते हैं। दूसरा विकल्‍प है कि आप डॉक्‍टर की सलाह से गार्लिक कैप्‍सूल का सेवन भी कर सकते हैं।
दर्द दूर करे अदरक

अदरक बड़े काम की चीज है। दर्द और सूजन को दूर करने में भी अदरक उपयोगी है। रोजाना अदरक की चाय 2 से 3 बार पियें। अदरक की चाय बनाने के लिये 1 कप उबलते हुए पानी में 1 छोटा चम्‍मच घिसा अदरक डाल कर 10 मिनट उबालें। दूसरा तरीका है कि अपने पेडु को अदरक के तेल से दिन में कई बार मसाज करें।
फायदों से भरपूर पुदीना

पुदीने के प्रयोग से अंदर की गैस, मतली और चक्‍कर जैसे लक्षणों को दूर किया जा सकता है। यह अपेंडिसाइटिस के दर्द को भी ठीक करता है। इसका सेवन करने के लिये पुदीने की चाय तैयार करें। 1 चम्‍मच ताजी पुदीने की पत्‍तियों को 1 कप खौलते पानी में 10 मिनट तक उबालें। इसे छान कर इसमें कच्‍ची शहद मिलाएं। फिर इसे हफ्ते भर दो या तीन बार रोज पियें।
तुलसी से मिलता है आराम

यदि अपेंडिक्‍स रोगी को हल्‍का बुखार भी आता है तो तुलसी उसपर काबू पा सकती है। साथ ही यह अपच और गैस को कम करती है। बुखार दूर करने के लिये 1 मुट्ठी तुलसी, 1 छोटा चम्‍मच अदरक और 1 कप पानी को आधा होने तक धीमी आंच पर उबालें। इस चाय को दिन में दो बार कई दिनों तक पीजिये। अपेंडिक्‍स के अन्‍य लक्षणों को दूर करने के लिये आप रोजाना तुलसी की 3 से 4 पत्‍तियों को चबा सकते हैं।
इन बातों का भी रखें ध्‍यान

अपेंडिक्‍स में रोज नमक मिला कर छाछ पीना फायदेमंद होता है। इसके अलावा अपनी डाइट का ख्‍याल रखें। ताजे फल और हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां जरूर खायें। डेयरी प्रोडक्‍ट्स, मीट और रिफाइंड शुगर ना खाएं। विटामिन बी, सी और ई सप्‍लीमेंट लीजिये। अपने पेड़ू को छींकते, खांसते और हंसते वक्‍त अपने हाथों से सहारा दीजिए जिससे दर्द ना हो। थकान होने पर हमेशा आराम करें और अच्‍छी नींद लीजिए।

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