गन्ना और गुड एक दूसरे के ही हिस्से हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है गुड और गन्ने के एक साथ प्रयोग से आप कई तरह की समस्याओं से बच सकते हो। क्या हैं गुड और गन्ने के घरेलू उपाय आइये जानते हैं।
गन्ना और गुड के फायदे
गला बैठने पर
यदि गला बैठ गया हो तो गरम आग में गन्ने को सेंककर उसे चूसें। आपको आराम मिलेगा।
गलगंड
गलगंड की कमी आयोडीन से होती है। जिसमें गला फूल जाता है। ऐसे में आप चार हरड के दानों का चूर्ण बनाकर खाएं और बाद में गन्ने का रस पी लीजिये ।
श्वासं संबंधी परेशानी
जिन लोगों को श्वासं संबंधी परेशानी हो वे सरसों के तेल के साथ दो से पांच ग्राम गुड को मिलाकर सेवन करें।
नकसीर में
नकसीर होने पर गन्ने का रस नाक में डालने से लाभ मिलता है।
मुंह के छाले
मुंह के छाले में मिश्री का एक टुकुडा कत्थे के साथ चूसने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
बुखार में
बुखार की परेशानी में घी और मिश्री को दूध में डालकर पीने से बुखार कम हो जाता है।
आंखों के लिए
पानी में मिश्री को घिसकर आखों पर लगाने से आंखों की कमजोरी दूर हो जाती है।
कांच और पत्थर के गडने पर
यदि कांच, कांटा या पत्थर शरीर के किसी हिस्से में गड गया हो तो गुड को आग में गरम करके गरम-गरम ही उस जगह पर लगा दें। यह शरीर के अंदर की धंसी हुई चीज को बाहर निकाल देता है।
जलन लगने पर
पानी में गुड को मिलाकर 20 बार छाने और इसका सेवन करें। यह जलन को शांत करता है।
कीडा
यदि कोई कीड़ा जैसे कनखजूरा के काटने या चिपकने पर गुड को आग में जलाकर उस जगह पर लगा दें। आपको आराम मिलेगा।
पेशाब में जलन और खूनी पित्त
खूनी पित्त, पेशाब में जलन और थकान में आंवले के 2 ग्राम चूर्ण के साथ गुड का सेवन करें। यह उपाय वीर्य को भी बढ़ाता है।
पांच ग्राम सोंठ या अदरक को पांच ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण की दस ग्राम दूध के साथ मिलाकर पीने से मुंह के रोग, जुकाम, खांसी, सूजन, गले के रोग, बवासीर, और कफवात जैसी कई बीमारियां दूर होती हैं।
खूनी दस्त
अनार के रस में बराबर मात्रा में गन्ने का रस मिलाकर सेवन करने से खूनी दस्त ठीक हो जाता है।
जिन महिलाओं में दूध की कमी हो रही हो वे गन्ने यानि ईख की पांच से दस ग्राम जडों को पीसकर कांजी के साथ पीएं।
गन्ना और गुड के फायदे
गला बैठने पर
यदि गला बैठ गया हो तो गरम आग में गन्ने को सेंककर उसे चूसें। आपको आराम मिलेगा।
गलगंड
गलगंड की कमी आयोडीन से होती है। जिसमें गला फूल जाता है। ऐसे में आप चार हरड के दानों का चूर्ण बनाकर खाएं और बाद में गन्ने का रस पी लीजिये ।
श्वासं संबंधी परेशानी
जिन लोगों को श्वासं संबंधी परेशानी हो वे सरसों के तेल के साथ दो से पांच ग्राम गुड को मिलाकर सेवन करें।
नकसीर में
नकसीर होने पर गन्ने का रस नाक में डालने से लाभ मिलता है।
मुंह के छाले
मुंह के छाले में मिश्री का एक टुकुडा कत्थे के साथ चूसने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
बुखार में
बुखार की परेशानी में घी और मिश्री को दूध में डालकर पीने से बुखार कम हो जाता है।
आंखों के लिए
पानी में मिश्री को घिसकर आखों पर लगाने से आंखों की कमजोरी दूर हो जाती है।
कांच और पत्थर के गडने पर
यदि कांच, कांटा या पत्थर शरीर के किसी हिस्से में गड गया हो तो गुड को आग में गरम करके गरम-गरम ही उस जगह पर लगा दें। यह शरीर के अंदर की धंसी हुई चीज को बाहर निकाल देता है।
जलन लगने पर
पानी में गुड को मिलाकर 20 बार छाने और इसका सेवन करें। यह जलन को शांत करता है।
कीडा
यदि कोई कीड़ा जैसे कनखजूरा के काटने या चिपकने पर गुड को आग में जलाकर उस जगह पर लगा दें। आपको आराम मिलेगा।
पेशाब में जलन और खूनी पित्त
खूनी पित्त, पेशाब में जलन और थकान में आंवले के 2 ग्राम चूर्ण के साथ गुड का सेवन करें। यह उपाय वीर्य को भी बढ़ाता है।
पांच ग्राम सोंठ या अदरक को पांच ग्राम गुड़ के साथ मिलाकर चूर्ण बना लें और इस चूर्ण की दस ग्राम दूध के साथ मिलाकर पीने से मुंह के रोग, जुकाम, खांसी, सूजन, गले के रोग, बवासीर, और कफवात जैसी कई बीमारियां दूर होती हैं।
खूनी दस्त
अनार के रस में बराबर मात्रा में गन्ने का रस मिलाकर सेवन करने से खूनी दस्त ठीक हो जाता है।
जिन महिलाओं में दूध की कमी हो रही हो वे गन्ने यानि ईख की पांच से दस ग्राम जडों को पीसकर कांजी के साथ पीएं।