मलेरिया मच्छरों के काटने से होता है| मच्छर मलेरिया के रोगी को काटता है तो खून के साथ-साथ मलेरिया के कीटाणु भी चूस लेता| वही मच्छर जब स्वस्थ व्यक्ति की काटता है तो उसे भी मलेरिया हो जाता है|
लक्षण :
- बुखार हर दूसरे या तीसरे दिन चढ़ता है और कई घंटो तक टिका रहता है, शुरू में हर रोज बुखार हो सकता है|
- इलाज शुरू होने के पहले खून की जाँच करा लेनी चाहिए|
- ज्यादा दिन तक मलेरिया बुखार खिंच जाए तो खून की कमी हो जाती है, मलेरिया लाल खून के कणों को नष्ट करता है|
- तिल्ली बढ़ जाती है और दर्द होता है|
- लीवर (यकृत ) भी बढ़ जाता है, दर्द होता है| पीलिया भी सकता है|
- सबसे खतरनाक और जानलेवा मलेरिया दिमागी-मलेरिया होता है|
- दिमागी मलेरिया में व्यक्ति को तेज बुखार आता है,ठण्ड लगती है और पसीना निकलता है|
- ऐंठन और बेहोशी की हालत में तुरत अस्पताल ले जाएँ नहीं तो व्यक्ति की मौत भी हो सकती है|
उपचार :
- यदि आपको मलेरिया होने का संदेह है या बार-बार बुखार हो जाता है, तो खून की जाँच करवाएं
- अगर आप ऐसी जगह में रहते हैं जहाँ मलेरिया एक आम बीमारी है तो बार बार बुखार होने पर मलेरिया का उपचार करें |
- अगर आप क्लोरोक्विन लेने से ठीक हो जाते हैं, लेकिन दुबारा बुखार चढ़ जाता है तो आप दूसरी दवा के लिए स्वास्थ्य केंद्र से सलह लें|
- अगर मलेरिया होने पर दौरे भी पढते हैं तो अस्पताल में इलाज के लिए जाएँ|
- जल्दी ही मलेरिया से बचने वाली सुई लगवाएं|
बचाव :
- बचाव बहुत जरुरी, जहाँ मच्छर न हो वहीं सोएं, मुसहरी का इस्तेमाल करें|
- बदन पर सरसों का तेल लगावें, इससे मच्छर नहीं काटते
- मच्छर मारने वाली दवा का छिड़काव करावें
- मच्छर जमें पानी में अंडा देते हैं और वहीं पालते हैं
- आस-पड़ोस के गडडों में पानी नहीं जमा होने दें
- मलेरिया से बचने वाली गोली का बराबर इस्तेमाल करें|