मिटटी है समस्त रोगों की रामबाण औषधि, जानिये क्या है मड थेरेपी


इंसान का शरीर पंच तत्वों से बना है। शरीर माटी का पुतला है यह हमारे ग्रथों में कहा गया है। शित, जल, पावक, गगन और समीर। प्राकृतिक रूप से मिट्टी में ये पांचो तत्व मौजूद होते हैं। ये तत्व शरीर को शांति और शीतलता के साथ उसे निरोगी भी बनाते हैं। मिट्टी को आयुर्वेद में जीवन का अस्तित्व माना गया है। इसे प्राकृतिक चिकित्सा और अंग्रेजी में मड बाथ यानी मिट्टी से नहाना बोला जाता है। हमारे देश में प्राचीन समय से ही कई बीमारीयों को दूर करने के लिए इस थैरेपी का इस्तेमाल किया जता रहा है। वैदिक वाटिका आपको मिट्टी से नहाने के एैसे फायदों को बताएगा जो शायद ही आपको पता हों।


मिट्टी में पाया जाने वाला जीवाणु मौसम के साथ अपना रूप बदलता है। और यह जीवाणु पानी के साथ मिलने पर तेजी से अपनी गति को बढाने लगता है। क्या आपको पता है मिट्टी की सौंधी खुशबू भी इसी जीवाणु की वजह से आती है। इसे एक्टिनोमाइसिटेस जीवाणु कहा जाता है। यह त्वाचा से संबंधित कई रोगों को दूर करता है।

कौन सी मिट्टी को चुनें

मिट्टी एकदम साफ व कंकर, पत्थर से रहित हो। इसमें किसी भी तरह का फर्टिलाइजर व केमिकल नहीं होना चाहिए। इसलिए मिट्टी को जमीन के 2 से 3 फिट नीचे से निकालें। यदि मिट्टी ज्यादा चिपक रही हो तो उसमें थोड़ा बालू मिला लें। क्योंकि मिट्टी को शरीर पर इस तरह से लगाना चाहिए ताकि आधी इंज मोटी परत चढ़ सके। एैसा करने से आक्सीजन त्वचा पर तेजी से काम करती है। 20 मिनट तक मिट्टी को शरीर पर लगे रहने दें फिर बाद में ठंडे पानी से नहा लें। इसके बाद में शरीर पर तेल की मसाज भी करनी चाहिए। एक बार मिट्टी का इस्तेमाल हो जाने के बाद उसे दोबारा नहीं लगाना चाहिए।

ड्राई मिट्टी से स्नान

मिट्टी को किसी साफ कपड़े से छान लें। जिससे उसमें से कंकर-पत्थर और ईंट और छोटे-मोटे टुकड़े निकल सकें। ताकि इससे आपकी त्वचा को परेशानी न हो सके। साफ होने के बाद हल्के हाथों से मिट्टी को शरीर पर रगड़ें। ध्यान रखें कि मिट्टी पूरे शरीर पर लगनी चाहिए फिर 15 से 20 मिनट तक धूप में बैठ जाएं और बाद में ठंडे पानी से नहा लें।

गीली मिट्टी का स्नान

साफ एंव कंकर रहित मिट्टी को रात को पानी में भिगों लें और अगले दिन मिट्टी के पेस्ट को पूरे शरीर पर अच्छे से मलें और आधे घंटे तक धूप में बैठ जाएं जब मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए फिर आराम से ठंडे पानी से स्नान कर लें। मिट्टी जितनी देर तक शरीर से चिपकी रहेगी उतना ही शरीर बीमारीयों से मुक्त होगा।

मिट्टी से नहाने के फायदे

  •  मिट्टी से नियमित नहाने से सफेद दाग, सोरायसिस और कुष्ठ रोग धीरे-धीरे ठीक होने लगते हैं।
  •  यह सिरदर्द, बदनदर्द, कब्ज, दुर्बलता, डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर और मोटापा दूर करता है।
  •  गठिया और जोड़ों के दर्द से निजात पाने का सबसे सरल उपाय है मिट्टी से नहाना।
  •  मिट्टी का लेप शरीर से लगते ही कैसा भी बुखार क्यों न हो उतर जाता है। यह शरीर की जलन तक खत्म कर देती है।
  •  शरीर को अंदर और बाहर दोनों तरफ की गंदगी मिट्टी के लेप लगाने से दूर हो जाती है।

हाल ही में हुए शोध मे वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मिट्टी के स्नान से टीबी, कैंसर, एक्जिमा और त्वचा संबंधी कई रोग ठीक हो सकते हैं। जिन लोगों का शरीर कमजोर है वे मड बाथ न करें।

मड बाथ भारत में ही नहीं यह विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हो रहा है। जिसकी वजह यह है कि मड बाथ करने से लाइलाज रोग तक ठीक हो रहें हैं। अभी भी मेडिकल साइंस इस पर रिसर्च कर रही है ताकि इसके और भी फायदे आपको मिल सके। एक बात तो तय है मिट्टी से नहाने की शुरूआत भारत में सबसे पहले हुई और आज का विज्ञान इस बात को अब मान रहा है। वैदिकवाटिका हमेशा से ही प्राचीन चिकित्सा को आप तक पहुचाने का काम कर रही है ताकि आप और आपका परिवार खतरनाक रोगों से बचा रहे।

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