काली हल्दी के उपयोग और फायदे आपको आश्चर्यचकित कर देंगे!


इस धरती पर प्रकृति ने जो कुछ भी बनाया है, वह बेवजह नहीं है. बहुत सी ऐसी वस्तुएं है जिनके बारे में हमें ज्ञान नहीं होता हैं. पीले रंग की हल्दी आसानी से कही भी मिल जाती है लेकिन आपने कभी काली हल्दी  के बारे में देखा या सुना है?

काली हल्दी को पीली हल्दी से ज्यादा  फायदेमंद और गुणकारी माना जाता है. काली हल्दी बहुत दुर्लभ मात्र में पाई और देखी जाती है. काली हल्दी दिखने में अंदर से हल्के काले रंग की होती है व उसका पौधा केली के समान होता है. खास बात यह है कि कहा जाता है – काली हल्दी से जुड़े टोटके जल्दी खाली नहीं जाते हैं.


तंत्र शास्त्र में काली हल्दी का प्रयोग वशीकरण, धन प्राप्ति, और अन्य  तांत्रिक कार्य के लिए किया जाता है. लेकिन काली हल्दी के प्रयोग करने से पहले उसको सिद्ध करने  की बात कही गई है. काली हल्दी को सिद्ध करने के लिए होली का दिन बहुत ही लाभकारी माना जाता  है. इसमें वशीकरण की अद्‍भुत क्षमता होने की बात भी कही जाती है.

रोगों के उपचार में काली हल्दी का प्रयोग

काली हल्दी मजबूत एंटीबायोटिक गुणों के साथ चिकित्सा में जडी़ – बूटी के रूप में उपयोग की जाती हैं. इसका प्रयोग घाव, मोच, त्वचा, पाचन तथा लीवर की समस्याओं के निराकरण के लिए किया जाता है.  उसकी साखें कोलस्ट्राँल को कम करने में मदद करती है.

तांत्रिक प्रयोग में काली हल्दी  का प्रयोग

कहा जाता है कि यदि परिवार में कोई व्यक्ति निरंतर अस्वस्थ्य रहता है, तो प्रथम गुरुवार को आटे के दो पेड़े बनाकर उसमें गीली चीने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी सी पिसी काली हल्दी को दबाकर रोगी व्यक्ति के ऊपर से सात बार उतार कर गाय को खिला दें. यह उपाय लगातार तीन गुरुवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा.

बच्चे को नजर लग जाने पर  काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार ऊपर से उतार कर बहते हुए जल में प्रवाहित कर देने से नजर उतरने की बात बताई जाती है.

यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या पागलपन से पीडि़त हो तो काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोहबान की धूप दिखाकर शुद्ध करें. उसके बाद एक टुकड़े में छेद कर धागे की मदद से उसके गले में पहना दें और नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेंवन कराते रहें. अवश्य लाभ मिलेगा.

ग्रहशांति में काली हल्दी का प्रयोग

गृह शांति में जन्मपत्रिका में गुरु और शनि पीडि़त हैं, तो वह शुक्लपक्ष के प्रथम गुरुवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से ये दोनों ग्रह शुभ फल देने लगेंगे यह माना जाता है.

धन प्राप्ति में काली हल्दी का प्रयोग

किसी के पास धन आता तो बहुत है  किंतु टिकता नहीं है, तो उन्हें यह उपाय करने की सलाह दी जाती है. दीपावली के दिन पीले वस्त्रों में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का रखकर धन रखने के स्थान पर रख देने से वर्ष भर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है ऐसा माना जाता है.

शुक्लपक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिंदूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवा कर धन रखने के स्थान पर रख दें. कहा जाता है कि  यह उपाय करने से धन रुकने लगेगा. यह सलाह दी जाती है.

व्यवसाय में काली हल्दी का प्रयोग

व्यवसाय में  मशीनों से संबंधित है कार्यों के लिए माना  जाता है कि मशीन खराब हो जाती है, तो आप काली हल्दी को पीसकर केसर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वास्तिक बना दें. यह उपाय करने से मशीन जल्दी खराब नहीं होगी.

व्यवसाय में निरंतर गिरावट आ रही है, तो शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र, चांदी का सिक्का व 11 अभिमंत्रित धनदायक कौडि़यां बांधकर 108 बार ‘ऊँ नमो भगवते वासुदेव नमः’ का जाप कर धन रखने के स्थान पर रखने से व्यवसाय में प्रगतिशीलता आने की बात मानी जाती है.

वशीकरण में काली हल्दी का प्रयोग

नमक और हल्दी का वशीकरण के लिए बहुत लोकप्रिय है इसके द्वारा किसी को भी अपने वस में कर लेने की बात कही जाती है. वैसे तो इंसान हर वस्तु  का प्रयोग अपनी आस्था, समझ, ज्ञान, विश्वास, और भ्रम के आधार पर अनेक प्रकार से करता है. वैसे ही काली हल्दी का प्रयोग भी अन्धविश्वासी, तांत्रिक , वैद्य, सब अलग अलग तरीके से करते हैं.

काली हल्दी के प्रयोग को लेकर तांत्रिक और अन्धविश्वास की बाते मिथ्या और गलत हो सकती है लेकिन इसका प्रयोग  एक अच्छे  औषधि के रूप में  जरुर करके देख सकते हैं.

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