आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में केसर का खास महत्व है, इनके अनुसार यदि गर्भवती महिला को प्रतिदिन दूध में केसर घोलकर पिलाया जाए तो जन्म लेने वाले शिशु का रंग निखरता है और इसके दूसरे स्वास्थ्य लाभ हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिये केसर
केसर एक सुगंध देने वाला पौधा होता है। इसके फूल को हिन्दी में केसर, उर्दू में जाफरान और अंग्रेजी में सैफरॉन कहा जाता है। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में केसर का खास महत्व है। इनके अनुसार यदि गर्भवती महिला को प्रतिदिन दूध में केसर घोलकर पिलाया जाए तो जन्म लेने वाले शिशु का रंग निखरता है। इतना ही नहीं, यह भी माना जाता है कि यदि मां गर्भावस्था के दौरान केसर का सेवन करती है तो इससे उसका होने वाला बच्चा तंदुरुस्त होता है और वो और उसका बच्चा कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है। केसर में वकाई कई गुण होते हैं हालांकि गर्भावस्था से जुड़े इन फायदों पर कोई शोध नहीं हुआ है। तो चलिये जानें गर्भवती महिलाओं के लिये केसर के क्या फायदे हैं।
केसर के गुण
केसर में थियामाइन और रिबोफ्लेविन होता हैं जो बेहद फायदेमंद हैं। कुछ लोगों का मानना है कि अगर किसी गर्भवती महिला को केसर का सेवन करवाया जाएं, तो उसका बच्चा गोरा पैदा होगा। हालांकि, इसके ऊपर अभी तक कोई रिसर्च नहीं हुई है लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि ये सिर्फ मिथक है।
आंखों की समस्या दूर करे
गर्भवती महिलाओं को अकसर आंखों में तनाव महसूस होता है, ऐसे में अगर वे केसर का दूध में डालकर सेवन करें, तो उनकी आंखों को आराम मिलता है, विशेषतौर पर तब जबकि उन्हे किसी प्रकार का दृष्टि विकार हो।
पाचन में सुधार
गर्भावस्था के दौरान महिला को पाचन सम्बंधी समस्याएं होती हैं, ऐसा इसलिये क्योंकि शरीर में रक्त के संचार में अनियमितता हो जाती है। ऐसे में केसर का सेवन काफी फायदेमंद होता है, इससे पेट दुरूस्त रहता है और पाचन शक्ति मजबूत बनती है।
पेट दर्द से बचाए
गर्भावस्था के समय में पेट में ऐंठन होने पर बहुत ज्यादा समस्या होती है, ऐसे में केसर एक दर्दनिवारक के रूप में काम करती है। यह पेटदर्द से आराम दिलाती है। साथ ही केसर एक तरह का ब्लड प्यूरीफायर पाउडर भी होता है जो शरीर में किडनी और लीवर की समस्याओं को दूर करता है।
बच्चे के घूमने में आसानी होती है
गर्भवती महिला को 5वें महीने से बच्चे के घूमने का एहसास होना शुरू हो जाता है। केसर का दूध पीने पर यह एहसास ज्यादा अच्छी तरह हो पाता है। साथ ही केसर के सेवन से शरीर का तापमान भी संतुलित रहता है। लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में केसर का सेवन नहीं करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर ठीक करे
गर्भवती महिला को दिन में सिर्फ एक बार 4 रेशे केसर का सेवन दूध के साथ करना चाहिए, इससे गर्भवती का ब्लड़ प्रेशर संतुलित रहता है और मूड भी अच्छा बना रहता है। इसके सेवन से मांसपेशियों को भी राहत मिलती है।
ज्यादा न करें सेवन
केसर दूध पीने से कोई नुकसान नहीं है। लेकिन केसर का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें और वे सभी सावधानी बरतें जो किसी भी अन्य घरेलु नुस्खे या जड़ी बूटी के इस्तमाल में करते हों। अध्ययनों से पता चलता है कि रक्तचाप और गर्भावस्था में होने वाली मनोदशा को कम कर सकते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में, यह एक गर्भाशय उत्तेजक के रूप में काम करता है और संकुचन प्रारंभ कर सकता है।
गर्भवती महिलाओं के लिये केसर
केसर एक सुगंध देने वाला पौधा होता है। इसके फूल को हिन्दी में केसर, उर्दू में जाफरान और अंग्रेजी में सैफरॉन कहा जाता है। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में केसर का खास महत्व है। इनके अनुसार यदि गर्भवती महिला को प्रतिदिन दूध में केसर घोलकर पिलाया जाए तो जन्म लेने वाले शिशु का रंग निखरता है। इतना ही नहीं, यह भी माना जाता है कि यदि मां गर्भावस्था के दौरान केसर का सेवन करती है तो इससे उसका होने वाला बच्चा तंदुरुस्त होता है और वो और उसका बच्चा कई तरह की बीमारियों से बचा रहता है। केसर में वकाई कई गुण होते हैं हालांकि गर्भावस्था से जुड़े इन फायदों पर कोई शोध नहीं हुआ है। तो चलिये जानें गर्भवती महिलाओं के लिये केसर के क्या फायदे हैं।
केसर के गुण
केसर में थियामाइन और रिबोफ्लेविन होता हैं जो बेहद फायदेमंद हैं। कुछ लोगों का मानना है कि अगर किसी गर्भवती महिला को केसर का सेवन करवाया जाएं, तो उसका बच्चा गोरा पैदा होगा। हालांकि, इसके ऊपर अभी तक कोई रिसर्च नहीं हुई है लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि ये सिर्फ मिथक है।
आंखों की समस्या दूर करे
गर्भवती महिलाओं को अकसर आंखों में तनाव महसूस होता है, ऐसे में अगर वे केसर का दूध में डालकर सेवन करें, तो उनकी आंखों को आराम मिलता है, विशेषतौर पर तब जबकि उन्हे किसी प्रकार का दृष्टि विकार हो।
पाचन में सुधार
गर्भावस्था के दौरान महिला को पाचन सम्बंधी समस्याएं होती हैं, ऐसा इसलिये क्योंकि शरीर में रक्त के संचार में अनियमितता हो जाती है। ऐसे में केसर का सेवन काफी फायदेमंद होता है, इससे पेट दुरूस्त रहता है और पाचन शक्ति मजबूत बनती है।
पेट दर्द से बचाए
गर्भावस्था के समय में पेट में ऐंठन होने पर बहुत ज्यादा समस्या होती है, ऐसे में केसर एक दर्दनिवारक के रूप में काम करती है। यह पेटदर्द से आराम दिलाती है। साथ ही केसर एक तरह का ब्लड प्यूरीफायर पाउडर भी होता है जो शरीर में किडनी और लीवर की समस्याओं को दूर करता है।
बच्चे के घूमने में आसानी होती है
गर्भवती महिला को 5वें महीने से बच्चे के घूमने का एहसास होना शुरू हो जाता है। केसर का दूध पीने पर यह एहसास ज्यादा अच्छी तरह हो पाता है। साथ ही केसर के सेवन से शरीर का तापमान भी संतुलित रहता है। लेकिन बहुत ज्यादा मात्रा में केसर का सेवन नहीं करना चाहिए।
ब्लड प्रेशर ठीक करे
गर्भवती महिला को दिन में सिर्फ एक बार 4 रेशे केसर का सेवन दूध के साथ करना चाहिए, इससे गर्भवती का ब्लड़ प्रेशर संतुलित रहता है और मूड भी अच्छा बना रहता है। इसके सेवन से मांसपेशियों को भी राहत मिलती है।
ज्यादा न करें सेवन
केसर दूध पीने से कोई नुकसान नहीं है। लेकिन केसर का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें और वे सभी सावधानी बरतें जो किसी भी अन्य घरेलु नुस्खे या जड़ी बूटी के इस्तमाल में करते हों। अध्ययनों से पता चलता है कि रक्तचाप और गर्भावस्था में होने वाली मनोदशा को कम कर सकते हैं। लेकिन अधिक मात्रा में, यह एक गर्भाशय उत्तेजक के रूप में काम करता है और संकुचन प्रारंभ कर सकता है।