कंधे का दर्द कई बार आपको रोजमर्रा के काम भी नहीं करने देता। कंधों में होने वाली इस जकड़न को फ्रोजन शोल्डर नाम से भी जाना जाता है। इस दर्द का कारण आसानी से पता नहीं चलता। कई बार तो ऐसा दर्द महीनों तक रह जाता है।
कभी आपके कंधे में ऐसा दर्द हुआ है, जब आपने महसूस किया हो कि उसने आपको जकड़ रखा है? उस दर्द से आप कई दिनों तक रोजमर्रा के काम नहीं कर पाए हों? कंधों में होने वाली इस जकड़न को फ्रोजन शोल्डर नाम से भी जाना जाता है। फ्रोजन शोल्डर का दर्द इतना तीव्र होता है कि इसे बर्दाश्त करना मुश्किल होता है। ऐसे दर्द के कई कारण हो सकते हैं। यहां तक कि सर्जरी या कोई गंभीर बीमारी भी फ्रोजन शोल्डर का कारण बन सकती है। हालांकि इस समस्या का वास्तविक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा माना गया है कि कंधों के आसपास जोड़ों में सूजन आने के कारण इस प्रकार का दर्द होता है। ऐसे दर्द में कभी-कभार कंधे सुन्न भी पड़ जाते हैं। यह स्थिति कई बार महीनों तक रह जाती है।
फ्रोजन शोल्डर के कारण बढ़ती उम्र :
आपकी बढ़ती उम्र भी फ्रोजन शोल्डर का कारण हो सकती है। अधिकतर स्थितियों में यह समस्या 40 से 65 वर्ष की उम्र के लोगों में होती है। लेकिन इसकी कोई निश्चित उम्र नहीं होती है। फ्रोजन शोल्डर की समस्या पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दोगुनी पाई गयी है।
आजीवन रहने वाली बीमारी :
कंधों में होने वाली जकड़न मुख्यत: डायबिटीज के मरीजों में, हृदय समस्या से ग्रसित लोगों में या पार्किसन बीमारी के मरीजों में हो सकती है। गर्दन में होने वाली सर्वाइकल डिस्क की समस्या भी ऐसे दर्द का कारण हो सकती है।
कंधों पर अघात या सर्जरी :
वो मरीज, जिन्हें कंधों पर किसी प्रकार की चोट लगी हो या कंधों की किसी प्रकार की सर्जरी हुई है, उनमें फ्रोजन शोल्डर की आशंका अधिक होती है। ऐसा भी हो सकता है कि सर्जरी के लंबे समय के बाद कंधों में जकड़न जैसी समस्या आये।
चिकित्सा :
फ्रोजन शोल्डर की चिकित्सा में सबसे पहले इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि कंधों की जकड़न को कम कैसे किया जाये। ऐसा माना जाता है कि हाथों और कंधों के जोड़ पर कटोरीनुमा हड्डी में सूजन के कारण ऐसा दर्द होता है। ऐसे दर्द की चिकित्सा के लिए फिजियोथेरेपी सबसे अच्छा उपाय है। बीमारी के शुरुआती दिनों में दर्द रात को तीव्र होता है और धीरे-धीरे दिन में भी रहने लगता है। फ्रोजन शोल्डर की चिकित्सा के लिए कई उपाय अपनाए जा सकते हैं। इन उपायों में से कुछ सिर्फ तात्कालिक आराम देते हैं और कुछ लंबे समय के बाद। मुख्य रूप से फ्रोजन शोल्डर की चिकित्सा के दो मुख्य उपाय हैं।
दवाओं का प्रयोग :
सामान्य कंधों के दर्द में दर्द निवारक दवाओं से ही राहत मिल जाती है। ऐसा दर्द कंधों में सूजन के कारण होता है, इसलिए सूजन कम करने वाली दवाएं भी राहत पहुंचा सकती हैं। लेकिन गंभीर स्थिति में दर्द निवारक दवाएं सिर्फ तात्कालिक आराम देती हैं।
फिजियोथेरेपी :
फ्रोजन शोल्डर की चिकित्सा का सबसे अच्छा माध्यम फिजियोथेरेपी माना जाता है और इसका लक्ष्य होता है कंधों में खिंचाव उत्पन्न कर कंधों को दोबारा गति में लाना। ऐसा करने के लिए कंधों के विभिन्न बिंदुओं को व्यायाम द्वारा धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया जाता है।
लक्षण :
- कंधों को घुमाने में असमर्थता महसूस होना
- रात में कंधों में तीव्र दर्द होना
- कंधों का सुन्न पड़ जाना
दर्द से कैसे बचें :
- कंधों को गर्म या ठंडा सेक दें
- दर्द से जल्द आराम के लिए एक्यूपंर चिकित्सा का सहारा लें
- फिर भी आराम न मिलता हो तो सर्जरी से घबराएं नहीं
सावधानी :
फ्रोजन शोल्डर की चिकित्सा समय पर नहीं की गई तो मरीज को पूरा जीवन इस समस्या के साथ बिताना पड़ सकता है। ऐसे में मरीज को हाथों को हिलाने-डुलाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके चिकित्सीय सलाह लेनी चाहिए और दर्द की दवाओं के बेधड़क प्रयोग से बचना चाहिए।