सूखा रोग और उसके उपाय


सूखा रोग होने पर बच्चा दिन-प्रतिदिन निर्बल होता चला जाता है| उसके हाथ-पांव सूख जाते हैं| पेट बढ़कर आगे की ओर निकल आता है| विशेषज्ञों का कहना है कि कुपोषण अथवा सन्तुलित आहार के अभाव में इस रोग की उत्पत्ति होती है|

कारण :

यह रोग बच्चों में विटामिन 'डी' तथा चूने की कमी से हो जाता है| इसके अलावा पाचन क्रिया में विकार उत्पन्न होने से दूध तथा अन्न ठीक से नहीं पच पाता| इस कारण बच्चा सूखता जाता है| माता के गलत आहार, अधिक चीनी खाने, बासी भोजन करने आदि का प्रभाव दूध पीने वाले बच्चे के शरीर पर भी पड़ता है| इसी कारण ऐसे बच्चों को यह रोग अधिक होता है|

पहचान :

इस रोग में बच्चे की कमर पतली पड़ जाती है| उसे पतले दस्त आने लगते हैं| दोनों नितम्ब सूख जाते हैं| चेहरे एवं त्वचा पर झुर्रियां पड़ जाती हैं| नाखूनों में सफेदी आने लगती है|

नुस्खे :

  • बच्चे को सुबह-शाम दो-दो चम्मच की मात्रा में पपीते का रस पिलाना चाहिए|
  • एक चम्मच जामुन का रस आधा चम्मच सिरके में मिलाकर चार खुराक करें| इसे दिनभर में चार बार पिलाएं|
  • बच्चे को लम्बे बैंगन की सब्जी चने की रोटी के साथ खिलानी चाहिए|
  • छोटी पीपल को सौंफ के अर्क में घिसकर दें|अजवायन, चीता, यवक्षार, पीपरामूल, दंती की जड़ एवं छोटी पीपल - सब 5-5 ग्राम की मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें| इसमें से चार रत्ती चूर्ण दही के पानी के साथ खिलाएं|
  • मकोय के पत्तों का रस एक चम्मच लेकर उसमें दो रत्ती कपूर मिला लें| इसकी दो खुराक करके सुबह-शाम चटाएं|
  • दो रत्ती अपामार्ग का क्षार दही में मिलाकर खिलाएं|

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