दिमागी काम करने वाले लोगों के लिए बादाम बहुत ही फायदेमंद है स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए बादाम का दूध पीना चाहिए। इससे स्मरण शक्ति की दुर्बलता दूर होती है। सुबह खाली पेट इस दूध को पीने के बाद फिर दो घंटे तक खाना-पीना नहीं चाहिए। यह दूध सर्दियों में लेना चाहिए।
बादाम की गिरी और काली मिर्च को एक साथ मुंह में दांतों से खूब अच्छी तरह चबाकर खाएं और उपर से दूध पियें। दिमागी दुर्बलता दूर होती है।
बादाम की 8-10 गिरीयों को रात में भिगों दें। सुबह उसका छिलका उतार कर सिल पर पिस सें। साथ ही 4-5 काली मिर्च भी पीस लें। इसे उबलते हुए गरम दूध में मिला दें। और दूध कौ अच्छे से खौला दें और उसमें देशी घी डालकर ठण्डा करें। इसे 15 दिन तक लेने से स्मरण शक्ति एवं मस्तिश्क की दुर्बलता दूर हो जाती है।
स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए फलों पर ज्याद ध्यान दें। खाने में फलों का इस्तेमाल करें।
हरा आंवला (500 ग्राम) कद्दुकस करके उनका गूदा किसी कांच के मर्तबान में डाल दें। इस गूदे पर इतना शहद डालें कि गूदा मधु में तर हो जाए। उसके बाद उसे 8 दिन रोजाना तीन घंटे धूप में रखें। इस तरह मुरब्बा बन जाएगा। ठीक 10 दिन बाद इसका सेवन किया जाए। इस विधि से तैयार किया गया मुरब्बा अति उत्तम है मस्तिश्क की दुर्बलता को दूर करने में यह श्रेष्ठ है।
बादाम की गिरी और काली मिर्च को एक साथ मुंह में दांतों से खूब अच्छी तरह चबाकर खाएं और उपर से दूध पियें। दिमागी दुर्बलता दूर होती है।
बादाम की 8-10 गिरीयों को रात में भिगों दें। सुबह उसका छिलका उतार कर सिल पर पिस सें। साथ ही 4-5 काली मिर्च भी पीस लें। इसे उबलते हुए गरम दूध में मिला दें। और दूध कौ अच्छे से खौला दें और उसमें देशी घी डालकर ठण्डा करें। इसे 15 दिन तक लेने से स्मरण शक्ति एवं मस्तिश्क की दुर्बलता दूर हो जाती है।
स्मरण शक्ति को बढ़ाने के लिए फलों पर ज्याद ध्यान दें। खाने में फलों का इस्तेमाल करें।
हरा आंवला (500 ग्राम) कद्दुकस करके उनका गूदा किसी कांच के मर्तबान में डाल दें। इस गूदे पर इतना शहद डालें कि गूदा मधु में तर हो जाए। उसके बाद उसे 8 दिन रोजाना तीन घंटे धूप में रखें। इस तरह मुरब्बा बन जाएगा। ठीक 10 दिन बाद इसका सेवन किया जाए। इस विधि से तैयार किया गया मुरब्बा अति उत्तम है मस्तिश्क की दुर्बलता को दूर करने में यह श्रेष्ठ है।