जानें फोड़े होने का कारण लक्षण और उपचार

फोड़ा त्वचा का एक विकार है जो शुरू में लाल गाँठ की तरह दिखाई देता है।
लक्षण :-
जब फोड़ा बनता है तो पहले आपको सिर्फ खुजली महसूस होती है; हालाँकि कभी कभी खुजली नहीं होती। जैसे जैसे फोड़ा बड़ा होता जाता है इसका रंग बदलता जाता है तथा इसमें पस दिखाई देने लगता है। इस समय इसमें दर्द और खुजली होना शुरू हो जाता है।

फोड़े होने के कारण :-
फोड़े होने के कारण स्वच्छता न रखना, अपर्याप्त पोषक तत्व, विशिष्ट प्रतिरोध प्रणाली बीमारियाँ, डाइबिटीज़ या त्वचा की सतह से चमड़ी निकल जाना आदि हो सकते हैं। ऐसे लोग या बच्चे जो कुपोषित हैं या स्वच्छ और स्वस्थ नहीं रहते उन्हें त्वचा संबंधी विकार होने की संभावना अधिक होती है। बहुत अधिक तीव्र गंध वाले डियोडरेंट के इस्तेमाल से भी त्वचा संबंधी विकार उत्पन्न होते हैं।फोड़ा बैक्टीरिअल इंफैक्शन के कारण होता है, जो कि त्वचा में बहुत अंदर तक पहुंच जाता है। शुरुआत लाल रंग की फुंसी से होती है जो बाद में बड़ी हो जाती है और इसमें सफेद पीप भर जाता है। यह काफी तकलीफदेह होता है। फोड़ा डिहाइड्रेशन या फिर किसी तरह के स्किन इंफैक्शन के कारण होता है।
फोड़े का इलाज
फोड़े का इलाज आसान है तथा घर भी इसका उपचार किया जा सकता है परन्तु आपको कई ऐसे मामले देखने मिलेंगे जहाँ एक प्रमाणित चिकित्सक की राय की आवश्यकता भी पडी है। त्वचा की समस्याएं घातक नहीं होती तथा उचित उपचार से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। जब गाँठ बनने की शुरुआत हो तथा खुजली महसूस होने लगे तभी इसका उपचार प्रारंभ कर देना चाहिए। दर्द को दूर करने के लिए फोड़े के पास की जगह पर गर्म सेंक करना चाहिए। गर्म सेंक से फोड़े के पकने की प्रक्रिया तीव्र हो जाती है। मरहम और एंटीबैक्टीरियल दवाई लगाकर इसका उपचार किया जा सकता है तथा फोड़े के आकार को बढ़ने से बचाया जा सकता है। कई डॉक्टर फोड़े पर एंटीबैक्टीरियल मरहम लगाने की सलाह देते हैं तथा फोड़े के सूख जाने पर उसके आसपास की जगह को एंटी बैक्टीरियल साबुन से धोने की सलाह देते हैं। संक्रमण से बचने के लिए फोड़े पर पट्टी बांधकर रखनी चाहिए। बार बार आने वाले फोड़े विटामिन या मिनरल की कमी या अस्वच्छता की ओर संकेत करते हैं।आइए हम आपको फोड़े के कुछ ऐसे उपचार के बारे में बताते हैं, जो पूरी तरह से नेचुरल है और इससे नुकसान भी नहीं होता है। फोड़े को उंगली की मदद से फोड़ने की कोशिश न करें। इससे आपकी त्वचा पूरी तरह से नष्ट हो सकती है।


1.चैत्र मास में (मार्च -अप्रैल ) जब नीम की नयी -नयी कोपले (कोमल लाल पत्तिया ) खिलती है ,तब 21 ताज़ी 15 कोपले (बच्चो के लिए 7 ) प्रतिदिन दातुन कुल्ली करने के बाद चबाकर खाने या गोली बना कर पानी के साथ निगलने या घोंटकर पिने से साल भर फोड़े फुन्सिया नहीं निकलती .
विशेष :-
1. इसे खाली पेट सेवन करें और इसके बाद कम से कम 2 घंटे तक कुछ न खाएं.
2. इससे खून की बहुत सारी खराबी खुजली आदि चर्म रोग तथा वात पित्त और कफ के रोग जड़ से नष्ट होते हैं.
3. इससे मधुमेह की बीमारी कम हो जाती है.
4. इससे मलेरिया और विषम ज्वर की उत्पत्ति की संभावना भी नहीं रहती.
सवधानी :-
21 कोपले और 7 पत्तियों से ज्यादा और लगातार बहुत लंबे समय तक नहीं खाएं वरना मर्दाना शक्ति कमजोर हो सकती है.
परहेज:-तेल, मिर्च, खटाई, तली चीजें का त्याग करें

2. नीम का लें सहारा
फोड़े के लिए नीम सबसे अच्छा एंटीसेप्टिक होता है। इससे एंटी बैक्टीरिअल और एंटी माइक्रोबिअल गुण पाया जाता है, जो फोड़े के उपचार में फायदेमंद होता है। वास्तव में नीम हर तरह की त्वचा संबंधित समस्या के लिए फायदेमंद होता है। नीम को पीस कर इसका पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को अपनी त्वचा के संक्रमित हिस्से पर लगाएं। अगर आप चाहें तो नीम की पत्ती को उबाल कर भी इसका पेस्ट तैयार कर सकते हैं। पेस्ट को कुछ देर के लिए लगा रहने दें और फिर पानी से धो लें।

3. ब्रेड पुटलिस से करें उपचार
क्या आपको पता है कि आप ब्रेड पुटलिस से भी फोड़े का उपचार कर सकते हैं। यह एक प्रभावशाली तरीका है। ब्रेड के एक टुकड़े को गर्म दूध या पानी में डुबा लें। अब इस ब्रेड को संक्रमित त्वचा पर लगाएं। इससे जलन कम होगी और जल्द ही फोड़ा भी ठीक हो जाएगा। अच्छे परिणाम के लिए ऐसा दिन में दो बार करें।

4. टी ट्री आयल ट्रीटमेंट
टी ट्री आयल में एंटी माइक्रोबिअल और एंटी बैक्टीरिअल गुण पाया जाता है। लंबे समय से इसका इस्तेमाल त्वचा के संक्रमण के उपचार में किया जा रहा है। ये न सिर्फ त्वचा के संक्रमण से आपको राहत दिलाएगा, बल्कि भविष्य में फोड़ा होने की संभावना को भी खत्म करेगा। आप रूई को इस तेल में भिगाकर फोड़े पर लगा सकते हैं। अगर आप कुछ दिनों तक दिन में पांच-छह बार इस तेल का इस्तेमाल करेंगे तो फोड़ा ठीक हो जाएगा। ब्लैक सीड आयल की तरह टी ट्री आयल का आप सेवन नहीं कर सकते हैं।

5. हल्दी भी करे कमाल
हल्दी खून को साफ करता है और इसमें एंटी-इंफ्लामैटॉरी गुण पाया जाता है। गर्म दूध के साथ हल्दी मिलाकर पीने से फोड़ा ठीक हो जाता है। साथ ही आप हल्दी और अदरक का पेस्ट बनाकर फोड़े पर लगा सकते हैं। कुछ दिन तक ऐसा करने पर फोड़ा ठीक हो जाएगा।

6. प्याज भी कम नहीं
प्याज में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाने के कारण यह फोड़े का एक बेहतरीन उपचार है। प्याज का एक टुकड़ा लेकर उसे फोड़े पर रखें और कपड़े के एक टुकड़े से ढंक दें। इससे पैदा होने वाली गर्मी से फोड़ा ठीक हो जाएगा।

 

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