पेठे के आश्चर्यजनक फायदे

पेठा एक मिठाई का नाम हैए जो बहुत ही स्वादिष्ट होती हैद्य  यह एक बेल पर लगने वाला फल है, जो सब्जी कि तरह खाया जाता है, इसका लैटीन नाम बेनिनकेसा हिसिप्डा है। ये तो आप जानते ही हैं कि आगरे का पेठा बहुत ही मशहूर हैद्य क्योकि मुख्य रूप से पेठा आगरा में ही बनाया जाता है । एक अच्छे पके पेठे से ही पेठे कि मिठाई बनाई जाती है। पके हुए फल का छिलका सख्त होता है और इसका रंग हल्का हो जाता हैद्य यह हल्के हरे रंग का होता है और बहुत बड़े आकार का होता है।

पेठे की मिठाई में घी या तेल कि जरूरत नहीं होती है। इसका आकार कदू के बराबर बड़ा और लोकी के रंग का होता है। पेठा कई प्रकार से बनाया जाता है । जैसे कि सुखा पेठाए रस में डूबा अगूरी पेठा और नारियल डला हुआ नारियल पेठा । लेकिन सुखा पेठा ही खाने में पसद किया जाता है।वैसे इन सबके अलावा भी पेठा कई रगों और कई रूपों में बनाया जाता है।

पेठे के गुण

गर्मी के समयमें पानी के साथ जो पेठा खाया जाता है वो न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी काफी बेमिसाल होता है।भारत में पेठा कई राज्यों में बनाया जाता है । कोहड़े से न केवल पेठा मिलता है बल्कि इसकी सब्जी, मुरब्बाए, पाक आदि भी बनता है। आयुर्वेद में पेठे को शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी माना गया है। पेठे में औषधिय गुण भी पाये जाते है। पेठा हमारे शरीर को पुष्टिकरणए बल देने वाला और खून को साफ करता है। पेठा पेट को साफ़ रखता है। आगरा हो पेठा नगरी भी कहा जाता है। आइये जानते हैं आपको क्या फायदे देता है पेठा।

पेठे के फायदे  :
  • पेठे पूरी तरह से प्राकृतिक होता है जिसे व्रत में आसानी से खाया जा सकता है। फलहार में पेठा भी आता है। प्राचीन ग्रथों में पेठे को शरीर को अंदर से ताकत देने वाला और वीर्य को बढ़ाने वाला उत्तम फल कहा गया है। कच्चा पेठा वात और पित्त दोष को खत्म करता है। लेकिन ध्यान रखें पेठा ज्यादा कच्चा न हो।
  • मिरगी, पागलपन जैसे मानसिक रोगों को आसानी से ठीक करता है पेठा।
  • वजन अधिक होने से रोकना और खून की गंदगी को साफ करना पेठा का मुख्य काम होता है।
  • शरीर के दोष जैसे मूत्राशय की समस्या और पेट की जलन को खत्म करता है पेठा। जैसा कि आपको उपर बताया गया है कि अधिक कच्चा पेठा नहीं खाना चाहिए इसी तरह से अधिक पका हुआ पेठा भी नहीं खाना चाहिए यह कफ को पैदा करता है।
  • जिन लोगों को जल्दी भूलने की बीमारी या मानसिक कमजोरी हो वे दस से बीस ग्राम पेठा का गुदा का सेवन करें। या पेठे का रस भी आप पी सकते हैं।

जलन रोकने में पेठे की भूमिका

यदि शरीर में किसी हिस्से में जलन हो रही हो तो पेठे का गुदा निकालें और इसको जलन वाली जगह पर रख दें। या फिर आप पेठे के पत्तों की लुगदी बनाकर इसका भी लेप कर सकते हैं।

दमा के इलाज में पेठा

दमा से परेशान लोगों के लिए पेठा किसी दवा से कम नहीं है। पेठा खाने से फेफड़ों को राहत मिलती है और दमा के रोग में राहत मिलती है।

लचीलापन

शरीर में यदि आप लचीलापन लाना चाहते हैं तो सुबह खाली पेट रोज पेठा खाएं। यह शरीर को स्फूर्तिवान और लचीला बनाता है।

ठंडाई में पेठा का प्रयोग
गर्मियों में गला जल्दी सूख जाता है ऐसे में ठंडाई के सेवन से बड़ी राहत मिलती है। आप पेठे के बीजों को पीस लें और इसके इस्तेमाल ठंडाई बनाएं आपको बेहद सकून और गर्मी से राहत मिलेगी।

नकसीर फूटने में पेठा

यदि नाक से खून आना बंद न हो रहा हो यानि कि नकसीर फूटने पर तुरत इसके बीजों से निकलने वाले तेल की दो बूंदे नाक में टपका दें। इससे नकसरीर आना बंद हो जाएगा। ये उपाय तभी करें जब अस्पताल आपके घर से बहुत दूर हो।

पेट की सुजन को दूर करने में पेठा

पेट की सुजन की परेशानी आजकल अधिकतर लोगों में देखी जाती है जिससे इंसान को भूख नहीं लगती है। ऐसे में आप सुबह के समय में दो कप पेठे का जूस पिएं। यह आंतों की सुजन को कम करता है।

कब्ज

कब्ज की वजह से कई रोग शरीर को होते हैं इसको ठीक करने के लिए पेठा बेहद अपयोगी चीज है। पेठे का सेवन करे से बवासीर में आने वाला खून भी कम हो जाता है।

पेठे का कई फायदे हैं जिनके बारे में आपको पता होना चाहिए। जिससे आप अपने को और अपने परिवार को बीमारी से मुक्त रख सकते हो। और डाक्टरों को देने वाली अधिक फीस से भी बच सकते हो।

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