मेहंदी के फायदे


मेंहदी के बारे में तो आप सभी जानते हैं कि यह कई तरह से काम आती है। मेंहदी सौंदर्यवर्धक और मंगल कामों की प्रतीक होती है। भारत में पुराने समय से ही मेंहदी का इस्तेमाल होता आया है। यह कई नामों से भी जानी जाती है जैसे मेंदी, नखरंजनी और हीना आदि। मेंहदी का पौधा पांच से छः फीट तक लंबा होता है। मेंहदी के पत्तों को सुखाकर इसके चूर्ण को बाजार में बेचा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं मेहंदी आपको कई गंभीर बीमारियों से भी बचा सकती है। वैदिक वाटिका आपको बताएगी कैसे मेहंदी से बीमारियों को ठीक किया जाता है।

चर्म रोग में मेंहदी :

चर्म रोग को ठीक कर देती है मेहंदी। चर्म रोग को जड़ से खत्म करने के लिए मेंहदी के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर इसका सेवन करें और इसका सेवन कम से कम चालीस दिनों तक करें। लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपको इन दिनों में अपनी त्वचा पर साबुन का प्रयोग नहीं करना है। अपने खाने में दूध से बनी खीर का सेवन ही करें।

मिरगी रोग :

मिरगी के रोग में भी मेंहदी बेहद फायदेमंद होती है। मेहंदी के ताजे पत्तों का रस कम से कम बीस ग्राम हो इनको दो सौ ग्राम गाय के दूध के साथ पीना चाहिए। इस उपाय से मिरगी रोग में फायदा मिलता है।

गुरदे के रोग और पथरी के लिए :

आधा लीटर पानी में पचास ग्राम मेंहदी के पत्तों को पीसकर मिलाए। और फिर इसे उबाल लें। उबलने के बाद जब 100 ग्राम पानी बच जाए तब इसे छान लें और इसको गुनगुना करके ही रोगी को पिलाए। इस उपाय से गुरदे के रोग ठीक हो जाते हैं।

मुंह के छाले :

मुंह के छालों को बड़ी आसानी से दूर करती है मेहंदी। मेहंदी के पत्तों को चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
विटामिन सी के फायदे और स्रोत

आग से जल जाने पर :

आग से यदि कोई अंग जल गया हो तो मेंहदी के पत्तों का गाढ़ा लेप तैयार करें और इसे जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे जलन तुरंत शांत हो जाती है। और घाव भी तेजी से भर जाता है।

पैरों की बिवाई फटने और हथेलियों के लिए :

यदि पैरों बिवाई फट गई हों तो आप हरी दूब के साथ मेहंदी के पत्तों को पीस लें। जब यह पेस्ट बन जाए फिर इसे आप अपने पैरों और हाथों पर लगा सकते हैं।

उच्च रक्तचाप होने पर :

उच्च रक्तचाप से परेशान लोगों के लिए मेंहदी किसी दवा से कम नहीं है। मेहंदी के ताजे पत्तों को अच्छे से पीसकर उसका लेप अपने पैरों के तलवों और हाथों में लगाएं। इससे आपको उच्च रक्तचाप में फायदा मिलेगा।

कुष्ठ रोग में :

कुष्ठ रोग को पूरी तरह से ठीक करती है मेहंदी। रात में 300 ग्राम पानी में 100 ग्राम मेहंदी के पत्तों को पीसकर भिगों लें। अब इन्हें सुबह अच्छे से मसलकर फिर छान लें। फिर इसकों पीएं।

पीलिया रोग और माइग्रेन में :

पीलिया से ग्रसित इंसान को मेहंदी ठीक कर देती है। इसके लिए रात में दो सौ ग्राम पानी में सौ ग्राम मेंहदी के पत्तों को कूटकर भिगों लें। सुबह के समय इसे छानकर पीएं। इस उपाय को लगभग एक सप्ताह तक नियमित करें। इस उपाय को करने से जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या है वह भी ठीक हो जाती है।

पैरों की जलन में मेंहदी :

अक्सर गर्मियों के दिनों में पैरों में जलन होने लगती है। ऐसे में पैरों पर मेंहदी के लेप को लगाने से आराम मिलता है।

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