नवजात शिशु की देख रेख

शिशु का ख्याल रखने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बाते :

  • हमेशा अपने हाथों को धोकर या sanitizar का इस्तेमाल करके ही शिशु को हाथ लगाये, क्योंकि नवजात शिशु का प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) इतना मजबूत नहीं होता, इसलिए इन्फेक्शन का डर बना रहता है|
  • मालिश महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है| यहाँ शिशु के विकास के लिए आवश्यक है,ध्यान रखे की मालिश बहुत ही हलके हाथों से करे, क्योंकि शिशु को सिर्फ आपका स्पर्श चाहिए,ताकत का प्रयोग नहीं करे|
  • शिशु से ‘Bonding’ बनाना बहुत आवश्यक है, यहाँ जन्म के कुछ घंटो के अन्दर या कुछ दिनों में ही बनना शुरू हो जाती है|
  • गोद में लेते समय बहुत ही ध्यान से शिशु के सर व गर्दन को अपने हाथ से सहारा दे|
  • चाहे आप डाइपर का इस्तमाल करे या कपड़े का, सफाई सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है|
  • डाइपर वाली जगह को साफ़ रखे, रैशेस हो या ना हो डाइपर क्रीम का प्रयोग करे|
  • चाहे जितनी भी बार डाइपर या कपड़ा शिशु ख़राब करे, डाइपर वाली जगह को साफ़ कर, पोछ का ही दूसरा डाइपर या कपड़े का प्रयोग करे|
  •  जब तक शिशु की ”Umbilical Cord” गिर नहीं जाती तब तक Sponge Bath दे|
  •  नहलाते समय जरुरत की सारी वस्तुए जैसे  टॉवल, साबुन, साफ़ कपड़े, डाइपर, आदि अपने पास ही रखे जिस से आपको शिशु को अकेला छोड़ भागना नहीं पड़ेगा|

गर्भनाल (Umbilical Cord):

शिशु के ”Umbilical Cord”की देखभाल भी बहुत आवश्यक है, जब तक Umbilical Cord खुद से नहीं गिर       जाए तब तक शिशु को नहलाते समय पानी में बैठने से बचाना चाहिए|
Cord का रंग बदलना, पीले से ब्राउन, ब्राउन से ब्लैक होना सामान्य है, Cord वाली जगह अगर लाल हो गई है या   बदबू आने लगी हो तो जल्द ही अपने डाक्टर से मिले|

शिशुपान :

  • चाहे आप स्तन पान कराये या बोतल से दूध पिलाये,नवजात शिशु को हर 2 से 3 घंटे के अंतराल में स्तन पान कराना आवश्यक है एव 10 से 15 मिनिट स्तन पान कराना पर्याप्त है|
  • अगर आप बोतल से दूध पिला रही है तो 60 से 90 ml हर 2 से 3 घंटे के अंतराल में पिलाना आवश्यक है|
  • दूध पीते समय जो हवा शिशु के मुह से अन्दर जाती है गैस का कारण बनती है, जिससे शिशु बेहद परेशान हो जाता    है,इसका हल है दूध पिलाते समय थोड़ी-थोड़ी  देर में शिशु को डकार दिलवाए जिस से उसके पेट से गैस बाहर निकल जाएगी|
  • डकार दिलवाने के भी कुछ तरीके है जैसे शिशु को काँधे पर लेकर उसकी पीठ थप-थपाये या अपनी गोद में उल्टा लेटाकर हलके हाथों से पीठ थप-थपाये या अपनी गोद में सीधा बैठाकर शिशु की पीठ सहलाये
  • शुरूआती 6 माह तक शिशु डकार लेने में 10 से 15 मिनिट लेता है, और कभी-कभी इससे भी अधिक समय लग जाता है
  • स्तन पान कराते समय या बोतल से दूध पिलाते समय अगर शिशु बैचेन हो रहा हो तो घबराए नहीं, काँधे पर लेके डकार दिलवाए


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