माइग्रेन का दर्द, घरेलू और आयुर्वेदिक उपचार : कारण और निवारण



● माइग्रेन सिरदर्द का एक गंभीर रूप है, जो एक सामान्य और स्वस्थ जीवन को काफी मुश्किल बना देता है। इस विकार के लक्षण हैं मतली आना, प्रकाश-संवेदनशीलता बढ़ जाना, धुन्धले धब्बे, रौशनी की चमक और गर्दन में दर्द। हालांकि माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, कुछ सरल उपायों की मदद से इसका प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है। माइग्रेन को कम करने के लिए सबसे प्रभावी तरीकों में से कुछ नीचे दिए गए हैं

कारण :
 
माइग्रेन के मुख्य कारण है -
चिंता करना, देर रात तक काम करना, मानसिक दुर्बलता, जुकाम, नजला, कब्ज, मलेरिया का प्रभाव आदि। महिलाओं में माइग्रेन के मुख्य कारण है, हिस्टीरिया, अधिक शारीरिक या मानसिक कार्य करना, सदमा लगना, बेवजह पेरशान रहना आदि। महिलाएं पुरूषों की तुलना में माइग्रेन से अधिक पीड़ित रहती हैं।

समय पर भोजन न करना, धूम्रपान, तेज गंध वाले परफ्यूम से, बहुत ज्यादा या कम नींद लेना, आंखों पर स्ट्रेस पड़ना - भी इसका कारण हो सकते हैं।

उपचार:
- देशी गाय का ताजा घी, या बादाम रोगन की सुबह-शाम दो बूंद नाक में टपकाने से इस रोग में आराम होता है।
- दर्द होने पर आप देशी घी में गुड खायें यह आधे सिर मे होने वाले दर्द से निजात दिलाता है।
- यदि दर्द सुबह से ही होने लगे, तो आप दूध में जलेबी का सेवन करें। एैसा करने से आधे सीसी का दर्द रूक जाता है।
- दर्द से यदि उल्टी हो रही हो तो खाने के समय में रोगी को शहद खिलाएं एसा करने से उल्टी और दर्द बंद हो जाता है।
- यदि दर्द सुबह से ही शुरू हो जाता है तो तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण बना लें और फिर इसमें शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटें। यह दर्द में राहत देगा और धीरे-धीरे माइग्रेन के प्रभाव को कम करेगा।
- पिसी हुई सफ़ेद मिर्च चौथाई चम्मच से भी कुछ कम , मिश्री या चीनी आधा चम्मच , देशी घी आधा चम्मच , इन तीनो को मिला कर सुबह नाश्ते से पहले खाये। साथ में दूध या चाय भी ले सकते हैं। पहले दिन से ही आराम महसूस होना शुरू हो जायेगा। लगभग 10 से 15 दिन तक प्रयोग में ले।
- पोस्त दाना अर्थात खसखस एक चम्मच , 7 -8 मुनक्का बीज निकाल कर , तरबूज के बीज एक चम्मच। इन तीनो को रात में पानी में भीगा दे। सुबह सिलबट्टे पर पीस ले। किसी छोटी कढ़ाई या पैन में एक चम्मच देशी घी डाल कर , हल्का सा भून कर दूध के साथ सुबह नाश्ते से पहले खाए।
- अगर कब्ज की शिकायत रहती है तो एक चम्मच भर कर त्रिफला चूर्ण हलके गुनगुने जल से रात को सोने से पहले ले।
- उन फलों-सब्जियों और अनाज से बचना चाहिए, जिनसे एलर्जी हो सकती है।
- लहसून माइग्रेन के दर्द से निजात दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लहसून को पीस कर उसका लेप दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द से निजात मिलता है साथ ही आप लहसून के रस की दो छोटी बूंदे नाक के छिद्र में डालें।

6 टिप्पणियां

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