जमीन पर बैठकर ही क्‍यों खाना चाहिए

जमीन पर खाने की परंपरा बहुत प्राचीन है, लेकिन इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हैं, इससे वजन नहीं बढ़ता, पाचन क्रिया सुधरती है, दिल मजबूत होता है जैसे कई फायदे हैं इसके, तो जमीन पर खाने की आदत डालें।


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जमीन पर खाने के लाभ

हमारी परंपरायें हमारे स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी हैं, बैठकर खाने की प्राचीन परंपरा के कई फायदे हैं। जमीन पर बैठकर खाने के कई फायदे हैं। यह शरीर का वजन तो कम करता है साथ ही दिल को भी मजबूत बनाता है। जब भी हम जमीन पर बैठकर खाते हैं तब हम सुखासन की स्थिति में होते हैं, यह पद्मासन का ही एक प्रकार है जो हमारे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बहुत फायदेमंद है। तो बैठकर खाने के फायदे उठाइये। 

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पाचन क्रिया सुधारती है

बैठकर खाने से पाचन क्रिया ठीक रहती है और खाना अच्‍छे से पचता है। आमतौर पर जब आप जमीन पर बैठते हैं तो सुखासन में बैठते हैं। जो कि पाचन में मदद करने वाली मुद्राएं हैं। जब आप खाने के लिए इस मुद्रा में बैठते हैं तो पेट से जुड़ी समस्याएं कम होती है। जब आप खाने के लिए आगे झुकते हैं तो पेट की मांसपेशियां आगे पीछे होने से सक्रिय रहती हैं। यह आपके पेट में एसिड को बढ़ाता है और भोजन को आसानी से पचाता है।

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वजन नहीं बढ़ता

अगर आप जमीन पर बैठकर खाते हैं तो आपका वजन नियंत्रण में रहता है। दरअसल जब आप सुखासन में बैठते हैं, तो आपका दिमाग अपने आप शांत हो जाता है। वह बेहतर ढंग से भोजन पर ध्यान केंद्रित कर पाता है। बैठकर खाने से पेट और दिमाग को सही समय पर एहसास हो जाता है कि आपने भरपूर खा लिया है, इससे आप ओवरईटिंग से बच जाते हैं।

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शरीर होता है लचीला

जमीन पर बैठकर खाने से शरीर लचीला बनता है।  जब आप पद्मासन में बैठते हैं, तो आपकी श्रोणि, निचली पीठ, पेट के आसपास और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। जिसके कारण पाचन तंत्र आराम से अपना काम कर पाता है। इसके अलावा, यह स्थिति किसी भी प्रकार से आपके पेट को संपीडि़त नहीं करती, जिससे आपको खाने में और बेहतर रीति से पचाने में मदद मिलती है।

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ध्‍यान खाने पर रहता है

जब भी आप जमीन पर बैठ कर खाते हैं तो आपका ध्यान खाने में रहता है। यह केवल आपके ध्यान को ही खाने पर केंद्रित नहीं करता बल्कि खाना खाते समय बेहतर विकल्प को चुननें में भी मदद करता है, क्योंकि इस मुद्रा में आपका मन बहुत शांत और आपका शरीर पोषण को स्वीकारने के लिए तैयार होता है।

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संबंध गहरे होते हैं

एक साथ जमीन पर बैठकर खाने से पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं। आमतौर पर जमीन पर बैठे कर खाना खाने की प्रथा एक परिवारिक गतिविधि है। सही समय पर यदि पूरा परिवार एक साथ खाना खाए तो आपसी सामंजस्य बढ़ता है। इसके अलावा यह परिवार के साथ जुड़ने का एक बेहतरीन कारण है।

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समय से पहले बूढ़ा नहीं होने देता

जमीन पर बैठकर खाने का फायदा है कि आप समय से पहले बूढ़े नहीं होते हैं। क्योंकि इस मुद्रा में बैठकर खाना खाने से रीढ़ की हड्डी और पीठ से जुड़ी समस्याएं नहीं होती है। साथ ही, जो लोग कंधों को पीछे धकेलते हुए गलत मुद्रा में बैठने के कारण किसी तरह के दर्द से परेशान होते हैं। वह समस्या भी इस आसन में बैठकर खाना खाने से दूर हो जाती है।

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उम्र बढ़ती है

जमीन पर बैठकर खाने से उम्र बढ़ती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग जमीन पर पद्मासन में या सुखासन में बैठते है और बिना किसी सहारे के खड़े होने में सक्षम होते हैं। उनकी लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है, क्योंकि इस मुद्रा से उठने के लिए अधिक लचीलेपन और शारीरिक शक्ति की आवश्यकता होती है।

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जोड़ों के लिए फायदेमंद

पद्मासन और सुखासन एक ऐसी मुद्रा है जो आपके पूरे शरीर को लाभ पहुंचाती है और लचीला बनाती है। ये केवल आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में ही मदद नहीं करते, बल्कि आपके जोड़ों को कोमल और लचीले बनाए रखने में भी मदद करते हैं। गठिया व हड्डियों की कमजोरी जैसे रोगों से भी बचाता है।

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दिमाग के लिए फायदेमंद

जमीन पर बैठकर खाने से दिमाग मजबूत होता है। जो लोग सुखासन में बैठकर खाना खाते हैं। उनका दिमाग तनाव रहित रहने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि यह दिमाग औेर तंत्रिकाओं को शांत करता है।

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दिल होता है मजबूत

जब आप जमीन पर बैठकर खाते हैं तो रक्‍त संचार अच्‍छे से होता है। इस तरह दिल बड़ी आसानी से पाचन में मदद करने वाले सभी अंगों तक खून पहुंचाता है, लेकिन जब आप कुर्सी पर बैठ कर खाना खाते हैं तो यहां ब्लड सर्कुलेशन विपरीत होता है। इसमें सर्कुलेशन पैरों तक होता है, जो कि खाना खाते समय जरूरी नहीं होता। यह दिल के दौरे की संभावना को भी कम करता है।

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