बरगद के विभिन्न प्रयोग

ह्रदय व मस्तिष्क की दुर्बलता में बरगद के विभिन्न प्रयोग
ईश्वर ने वटवृक्ष के रूप में बिना मूल्य के ही औषधियों का खजाना हमें दिया हुआ है. किन्तु जानकारी के भाव में हम भटकते हैं. आज हम बरगद वृक्ष (वट,बड) के विभिन्न प्रयोगों पर चर्चा करेंगे.
(प्रथम प्रयोग) बड का सत्त्व ---- बड़ की जड़, हरेपत्ते, फल, छाल तथा दाढी 200-200 ग्राम मात्रा में लेकर जौकुट कर मिटटी के पात्र में 8 लीटर शुद्ध जल में कम से कम 24 घंटे के लिए भिगो दें. चौबीस घंटे बाद मसलकर आग पर चढ़ाकर मध्यम आंच पर उबालें लगभग एक लीटर जल शेष बचने पर उतार कर ठंडा करके मसलकर छान लें और और इस छाने हुए जल को बिलकुल मंद आंच पर पकाए. कुछ देर बाद अधिकतर पानी वाष्पित होकर गाढ़ा काला सा पदार्थ बचेगा. यही बड सत्त्व है. इसे पूरी तरह से सुखाना नहीं है.
बिलकुल गाढ़ा चिपचिपा हो जाने पर आंच से उतारकर ठंडा करके इसकी 125 mg से 250 mg की गोलियां बना लें.
(यदि सामर्थ्य हो तो इसमें प्रवाल पिष्टि या मोती पिष्टी मिलाकर गोलियां बनाये और चांदी के वरक में लपेट कर रात भर पूर्ण चन्द्र की रौशनी में रखें).
यदि बरगद का कोई अंग कम मात्रा में मिल पाए तो उसकी पूर्ति पत्तों और दाढ़ी की मात्रा बढाकर कर सकते .
उपयोग, मात्रा एवं सेवन विधि – (1) यह गोलियां ह्रदय की निर्बलता,पीड़ा,बेचैनी एवं अनियमित धड़कन को ठीक करती हैं. आयु एवं रोग के अनुसार एक से दो गोली तक सादे पानी या गौदुग्ध या अर्जुन छाल के क्वाथ के साथ दें.
(2) यदि मानसिक दुर्बलता है. पढ़ा लिखा याद नहीं रहता तो बड़ के घनसत्त्व की ऊपर बताई हुई गोलियां प्रातः सायं ब्राह्मी बादाम, खसखस के ठंडाई या शरबत साथ लेनी चाहिए.( ये शरबत मार्केट में तैयार मिल जाते है या घर पर ही बना लें.) मस्तिष्क संबन्धी सब विकार शिरःशूल , सिर घूमना, चक्कर आना अंधेरी आना, सब वस्तुएं घूमती हुई दिखाई देना, भूल जाना, स्मृति विभ्रम आदि रोग दूर हो जाते हैं.
(3) ये गोलियां स्तम्भन शक्ति को भी बढाती है और स्वप्नदोष आदि समस्याओं को दूर कर वीर्य शोधन भी करती हैं. ऐसी समस्याओं में गाय के दूध के साथ सेवन करना चाहिए.
(द्वितीय प्रयोग) -- बड की ताज़ी हरी कोमल पत्तियां या हरी कोपलें 10 ग्राम लेकर थोड़े से पानी के साथ सिल पर महीन पीस कर आधा गिलास पानी में घोलकर छान लें और मिश्री मिलाकर पियें. ऐसा प्रातः सायं करना है. कुछ ही दिनों के प्रयोग से हृदय की विभिन्न समस्याएँ जैसे दिल का बैठना, धड़कन कम ज्यादा होना,घबराहट होना आदि समस्याओं में आराम मिलने लगता है.

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