हनुमान जयंती के ऐसे उपाय जो आपने कभी नहीं सुने होंगे


विभिन्न मतों के अनुसार हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाई जाती है। पहली चैत्र शुक्ल पूर्णिमा और दूसरी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन। वाल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हुआ था। इस दिन हनुमान जी का पूजन करके उन्हें सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाया जाता है।

पुराणों के अनुसार कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी मंगलवार,स्वाति नक्षत्र एवं मेष लग्न में स्वयं भगवान शिवजी ने माता अंजना के गर्भ से रुद्रावतार लिया था। इस दिन सुंदरकांड,हनुमान चालीसा, हनुमत अष्टक व बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

हनुमान जयंती के टोटके विशेष फल प्रदान करते हैं। जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने वाले यह टोटके अवश्य आजमाएं-

* हनुमान जयंती पर और बाद में साल में एक बार किसी मंगलवार को अपने खून का दान करने से आप हमेशा दुर्घटनाओं से बचें रहेंगे।

* 'ॐ क्रां क्रीं क्रों स: भौमाय नम:' मंत्र का एक माला जाप हनुमान जयंती व मंगलवार को करना शुभ होता है।

* 5 देसी घी के रोट का भोग हनुमान जयंती पर लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।

* व्यापार में वृद्धि के लिए हनुमान जयंती को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमानजी को पहनाइए।

* हनुमान जयंती पर मंदिर की छत पर लाल झंडा लगाने से आकस्मिक संकटों से मुक्ति मिलती है।

* शक्ति बढ़ाने के लिए हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड, रामायण, राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।

* मानसिक रोगी की सेवा हनुमान जयंती के दिन और बाद में महीने में किसी भी एक मंगलवार को करने से आपका मानसिक तनाव हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।

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