जानिए आखिर क्यों पूरे सप्ताह में से बुधवार और गुरुवार का दिन होता है बेहद चमत्कारी


मनुष्य की इच्छाओं का कोई अंत नहीं है हर समय मनुष्य के अंदर कुछ न कुछ चलता रहता है क्योंकि व्यक्ति का दिमाग बहुत शैतान होता है अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए वह तरह-तरह के उपाय खोजता है। लेकिन इच्छाएं पूरी करने के लिए धर्म शास्त्रों ने भी अनेक उपाय बताए हैं। इसी हिसाब से सप्ताह के सातों दिन अलग-अलग देवताओं के पूजन का विधान बताया गया है। इस तरह की प्रक्रिया से मनचाहे फल की प्राप्ति भी संभव है। 

रविवार का दिन सूर्य देवता को समर्पित है। ऐसे में रविवार को सूर्यदेव की पूजा करके ब्राह्मणों को भोजन कराने से समस्त प्रकार के शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती है। 

सोमवार का दिन भोलेनाथ यानी भगवान शंकर का दिन है। लेकिन अगर आपकी सम्पत्ति प्राप्ति की इच्छा है तो सोमवार के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करें और ब्राह्मणों को सपत्नीक घी से पका हुआ भोजन कराएं।

मान्यताओं के मुताबिक हनुमान जी का जन्म मंगलवार को हुआ था इसलिए इस दिन बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व है। इसके साथ ही मंगलवार को रोग की शांति के लिए काली मां की पूजा करके उड़द, मूंग और अरहर की दाल से युक्त भोजन ब्राह्मण को कराने से लाभ मिल सकता है।

बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही बुधवार को दही युक्त अन्न से भगवान विष्णु की पूजा करने पर पुत्र सुख मिलता है।

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, ऐसे में जो श्रद्धालु दीर्घायु होने की इच्छा रखते हैं वे गुरुवार को वस्त्र, यज्ञोपवीत और घी मिश्रित खीर से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना कर सकते हैं।

समस्त प्रकार के भोगों की प्राप्ति के लिए शुक्रवार को एकाग्रचित्त होकर देवी दुर्गा के साथ ही अन्य देवताओं का पूजन करें और यथासंभव ब्राह्मणों को अन्न दान करें।

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