तांबे का छोटा सा छल्ला करता है बड़े-बड़े काम, अगर हैं परेशान तो इसे पहनें


धातुओं का हमारे जीवन में खास महत्व है, विभिन्न प्रकार के धातुएं हमारे शरीर में प्रवाहित हो रहे रक्त से लेकर दूसरी चीजों तक को प्रभावित करती है, इसी वजह से प्राचीन काल से ही सोना, चांदी, तांबा, लोहा, कांसा आदि के आभूषण पहनने की परंपरा रही है। इन धातुओं के प्रयोग से ना सिर्फ रोगों बल्कि कई तरह की परेशानियां भी दूर की जा सकती है। ज्योतिष शास्त्र इन्हीं सिद्धांतों को मानते हुए कई तरह की धातुओं के छल्ले पहनने की सलाह देता है।

तांबे में पानी के कीटाणुओं को खत्म करने का एक विशेष गुण है, तांबे के बर्तन में पानी रखकर पीने की सलाह दी जाती है, ताकि आपका स्वास्थ्य बेहतर रह सके।


तांबा का है खास महत्व
तांबा, सोना, सोना या फिर पीतल कई ऐसे धातु हैं, जिनका अपना अलग-अलग महत्व है, इन धातुओं में कॉपर यानी तांबा एक ऐसी प्राचीन धातु है, जिसका इस्तेमाल कई सालों से होता आ रहा है, Copper में पानी के कीटाणुओं को खत्म करने का एक विशेष गुण है, तांबे के बर्तन में पानी रखकर पीने की सलाह दी जाती है, ताकि आपका स्वास्थ्य बेहतर रह सके।

तांबे की अंगूठी के फायदे
Copper का छल्ला या फिर अंगूठी पहनने से पेट से संबंधित सभी समस्याओं में लाभ होता है, इससे पेट दर्द, पाचन में गड़बड़ी और एसिडिटी जैसे समस्याओं में फायदा पहुंचाती है, अगर आपको बार-बार पेचिश की समस्या हो रही है, तो तांबे की अंगूठी आपकी मदद कर सकती है। शास्त्रों के अनुसार इसे पहनने से ही आपके पेट की समस्या दूर होने लगेगी।
तांबे के आभूषण पहनें
जिन लोगों के शरीर में तांबे की कमी होती है, उन्हें इसके गहने पहनने से लाभ मिलता है, क्योंकि इसे स्किन के माध्यम से अवशोषित किया जा सकता है, आभूषण मिनरल की जरुरत की थोड़ी सी राशि को लेने का अच्छा तरीका है, इसे पहनने के बाद आप खुद ही फर्क महसूस कीजिएगा।


स्किन में आती है चमक
तांबे की अंगूठी को ना सिर्फ हेल्थ के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है, बल्कि नाखून और स्किन से संबंधित परेशानियों के उपचार में भी फायदेमंद बताया गया है, इसे पहनने से स्किन में चमक आती है। इसके साथ ही अंगुलियों में तांबे की अंगूठी धारण करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी सुधरता है, ब्लड सर्कुलेशन की कमी की वजह से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से भी राहत मिलती है।

रक्त की अशुद्धियां दूर होती है
कई तरह की धातुओं में तांबा एक मात्र ऐसा धातु है, जो सबसे प्राचीन मानी गई है, तांबे की अंगूठी पहनने से ब्लड की अशुद्धियां दूर होती है, इसके साथ ही शरीर के रोग की प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है। शास्त्रों के अनुसार तांबे की अंगूठी शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करती है, इसे पहनने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है, इससे गुस्से पर भी नियंत्रण होता है, ये अंगूठी तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद करती है।


ब्लड प्रेशर नियंत्रित
तांबे की अंगूठी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है, इससे हाई ब्लड प्रेशर और लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को बहुत फायदा मिलता है। इस अंगूठी के पहनने से शरीर के किसी भी भाग में आ रही सूजन को भी कम किया जा सकता है, ज्योतिष शास्त्र में सूर्य से संबंधित परेशानियों के लिये तांबे को सबसे फायदेमंद बताया गया है, इसे पहनकर सूर्य से संबंधित सभी रोगों से काफी हद तक निजात पा सकते हैं।

अध्यात्मिक महत्व
तांबे की अंगूठी का खास अध्यात्मिक महत्व भी है, अध्यात्मिक मार्ग पर चलने वालों को तांबे की अंगूठी पहनाई जाती है, मालूम हो कि मुख्य रुप से आध्यात्मिक साधना का मकसद जीवन को सर्वोच्च बिन्दु तक ले जाना होता है। जब कोई साधक बहुत तीव्र साधना करता है, तो इस बात की संभावना होती है, कि वो अचानक शरीर से मुक्त हो जाएं, लेकिन अगर शरीर पर धातु हो, तो ऐसा नहीं होता

तांबा के पात्र में रखा पानी शुद्ध
तांबे के पात्र में रखा पानी पूर्णतया शुद्ध माना जाता है, इसमें जीरो फीसदी बैक्टीरिया होती है, इसलिये इस पानी को पीने से कई तरह के रोगों में लाभ मिलता है। रात को सोने से पहले तांबे के मग में पानी भरकर रख दें और उस पानी को सुबह उठकर पीएं, ये काफी फायदेमंद होता है, बड़े-बुजुर्गो के अनुसार इस पानी को पीने से रोगों से मुक्ति मिलती है, और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है।

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