बड़े - बड़े गुण हैं पुदीना के छोटे से पौधे में


पुदीना एक छोटा सा पौधा होता है जो अक्सर नमी वाली जगह पर उगता है। इसमें उड़नशील तेल पाया जाता है, जो पेपरमिंट जैसी सुगंध देता है। इसका वानस्पतिक नाम मेन्था स्पीकेटा है। पुदीना एक तीव्र सुगंध प्रदान करने वाला पौधा है जिसका उपयोग न केवल विभिन उत्पादित वस्तुओं जैसे टूथ पेस्ट,चुइंगम, ब्रेथ फ्रेशनर, कैंडी और इन्हेलर आदि में किया जाता है, बल्कि आयुर्वेद में भी पुदीने का उपयोग विभिन्न रोगो के शमन में किया जाता है। आइये आज हम आपको बताते हैं

पुदीने के कुछ ऐसे ही लाजवाब गुण।

चटनी के रुप में प्रयोग
पुदीने की पत्त‍ियों को मुख्य रूप से चटनी बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी चटपटी चटनी के साथ खाने का स्वाद दोगुना हो जाता है। पुदीना मुख्य आहार तो नहीं है,लेकिन इसकी मौजूदगी से खाने का स्वाद बढ़ जाता है। इसके अलावा पुदीने की प‍त्ती औषधीय गुणों से भरपूर होती है।

पेट दर्द में सहायक
पुदीने की पत्तियां, भुना हुआ जीरा, लहसुन, सौंठ, काली मिर्च, कला नमक और धनिया इन सबको समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण तैयार कर लें। पेट दर्द में गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन करें, पेट दर्द में आराम मिलेगा। इसके अतिरिक्त पुदीने की चाय भी पेट दर्द में लाभकारी होती है।

पचाने में सहायक
पुदीने में उपस्थित एंटीऑक्सीडेंट तथा पोषक तत्व के कारण इसका सेवन जलन तथा अपच में लाभ पहुचता है। यह लार ग्रंथियों को उत्तेजित करता है, जो की भोजन को पचाने में सहायक होता है।

लू में मददगार
गर्मियों के दिनों में लू लगना एक आम समस्या है। पुदीने के पने का सेवन लू से बचने के लिए बड़ा ही कारगर उपाय है। पुदीने का पना बनाने के लिए पुदीने की पतियों में थोड़ा पानी डालकर पीस लें। बाद में एक महीन कपडे से छानकर उसका रस निकाल लें। फिर उसमे थोड़ा भुना हुआ जीरा एवं नमक मिला लें। लीजिये तैयार हो गया पुदीने का पना।

रक्तचाप को नियंत्रित करे
पुदीने का रस उच्च रक्त चाप को नियंत्रित करने में सहायता करता है तथा निम्न रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए इस रस में काली मिर्च, नमक तथा थोड़ी शक्कर मिला कर सेवन करें, तुरन्त फायदा मिलेगा।

सर्दी – खांसी में राहत दे
पुदीने में उपस्थित एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी- बैक्टीरियल तत्वों के कारण यह श्वाश नली में ठंडक प्रदान करता है। सर्दी - खांसी से बचने के लिए गर्म पानी में पुदीने के रस की कुछ बूंदे डाले और उसके भांप को मुंह से लेते हुए नाक से छोड़ें। इससे आपको सर्दी –खांसी में राहत मिलेगा।

श्वास दुर्गन्ध से बचाये
श्वास दुर्गन्ध में पुदीने की कुछ पत्तियां मुंह में चबाने से मुंह से आने वाली दुर्गन्ध से छुटकारा पाया जा सकता है।

चेहरे में चमक लाये
पुदीने की ६ पत्तियां लेकर उसे एक अंडे की सफेदी में झाग आने तक मिलाये। उसके बाद इसमें आधा चम्मच पिसा हुआ खीरा मिलाये। अब इस लेप को १५ मिनट तक चहरे पर लगाये बाद में ताजे पानी से चेहरा धो लें। इससे धीरे –धीरे आपके चेहरे से दाग धब्बे मिटने लगेंगे और आपका चेहरा में चमक आयेगी।

वजन घटने में सहायक
पुदीना शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करता है। खाने में इसका सेवन कर अतिरिक्त वजन से छुटकारा पाया जा सकता है।

फुंसियों को ठीक करे
पुदीने में एंटी बैक्टीरियल एवं एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जिसके कारण पुदीने की पत्तियों का लेप बनाकर फुंसियों पर लगाने से वो जल्दी ठीक हो जाती हैं। साथ ही साथ उनमें होने वाली जलन में भी राहत मिलती है।

हैजे में सहायक
हैजा होने पर भी पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है। हैजा होने पर पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से आपको फायदा होगा।

और भी लाभ हैं पुदीना के
महिला को प्रसव के समय पुदीने का रस पीना चाहिए, इससे आसानी से प्रसव हो जाता है।बुखार होने पर पुदीना पीना चाहिए, इससे बुखार में फायदा होता है। बुखार में पुदीने को पानी में उबालकर थोड़ी चीनी मिलाकर उसे गर्म-गर्म चाय की तरह पीना चाहिए।ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इससे त्वचा की गर्मी समाप्त होती है।हिचकी आने पर पुदीना का प्रयोग करना चाहिए, इससे हिचकी आना बंद हो जाता है।

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