किस उम्र में कौन सी जांच कराना है ज़रूरी? जानने के लिए पढ़िए!


यहाँ आपको उम्र के हिसाब से ज़रूरी शारीरिक जांच के बारे में बताया गया है. बढती उम्र के साथ साथ हमारे शरीर की क्षमता घटती जाती है. जितनी आसानी से हम बचपन या जवानी में बीमारियों से लड़ सकते हैं, बाद में यह मुमकिन नहीं. ऐसा होना प्राकृतिक भी है. जैसे जैसे उम्र बढती जाती है हमारा शरीर कमजोर होता जाता है. यह स्वाभाविक है.

हम अच्छा संतुलित आहार लेकर, व्यायाम कर के, योग इत्यादि अपना कर शरीर की घटती क्षमता की रफ़्तार तो कम कर सकते हैं, लेकिन इसे रोक या छुटकारा नहीं पा सकते. ऐसा होना तय है. दूसरा, इसके अलावा अनुवांशिक यानि जेनेटिक और अन्य कारणों से भी शरीर में बीमारियों का खतरा बना रहता है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इन से हार मान ली जाये. बल्कि ज़रूरी है कि समय समय पर इनका ध्यान रखा जाये ताकि ज़रूरी एहतियात बरती जा सके और समय रहते बीमारी को काबू किया जा सके.

इन जांचों (Check Ups) की कीजिये शुरुआत :

आइये जानते हैं उम्र के हिसाब से हमें कौन कौन से टेस्ट या जांच सावधानी के तौर पर करा लेनी चाहिए :
20 की उम्र से :
20 की उम्र में हम जवानी में पहले कदम रख रहे होते हैं. हमें शरीर में बढती ताकत महसूस होने लगती है. यह विकास का समय होता है. लेकिन कुछ बीमारिया ऐसी हैं जो इसी समय में शरीर में पैठ बना लेती हैं. इसलिए 20 की उम्र से ये जांच ज़रूर करवाएं :
  • हर साल ब्लड प्रेशर, हाईट और वजन की जांच.
  • सालाना आँखों कि और दांतों कि जांच.
  • हर दुसरे साल एसिडिटी और एचआईवी (HIV) की जांच.
  • हर पांचवे साल कोलेस्ट्रोल कि जांच.
30 की उम्र से :
30 तक आते आते हम शरीर में बदलाव महसूस करने लगते हैं. जवानी के चरम पर इस अवस्था में सब कुछ मुमकिन लगता है. यह संघर्ष, क्षमता और सपनों को पूरा कर लेने का समय होता है. लेकिन ऐसे में भी ये जांच करवा लेना ठीक है :
  • ऊपर की सभी जांच.
  • डायबिटीज, थाइरोइड, एनीमिया और लीवर की समस्या के लिए खून की जांच.
  • साल में एक बार कोरोनरी हार्ट डिजीज के लिए जांच.
40 की उम्र से :
40 की उम्र में पता चलता है कि आप दिल से भले ही 25 हों पर आपके शरीर में अब वो पहले जैसी बात नहीं रही. ध्यान रखें कि आप ये जांच करवा लें :
  • ऊपर बताई सभी जांच.
  • हर पांच साल में कर्दिओवस्कुलर इवैल्यूएशन.
  • सालाना प्रोस्टेट कैंसर के लिए जांच.
50 की उम्र से :
50 पार करने के बाद आप चाहे मानें या न मानें, लेकिन आप एक कदम तो ज़रूर बुढ़ापे में रख चुके हो. इसलिए बीमारियों का थोडा ज्यादा ध्यान रखें तो और बेहतर होगा. ये जांच करा लेनी चाहिए :
  • ऊपर बताई गयी सभी जांच.
  • सालाना टाइप 2 डायबिटीज कि जांच.
  • हर साल आँख और कान की जांच.
  • सालाना डिप्रेशन की जांच.
  • एक बार साल में लिपिड (वसा) डिसऑर्डर की जांच.
60 की उम्र से :
मुबारक हो! 60 पार करने की ख़ुशी में सरकार ने भी आपको आराम, मौज और अपना ध्यान रखने के लिए रिटायर कर दिया है! इस पड़ाव पर ध्यान रखें की बचाव ही इलाज है. ये जांच करवा लेनी चाहिए :
  • ऊपर बताई गयी सभी जांच.
  • ऑस्टियोपोरोसिस के लिए हर साल स्क्रीनिंग.
  • डिमेंशिया और अल्जाइमर के लिए हर साल जांच.

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