इस बार महाशिवरात्रि का महापर्व, बुधवार यानी 14 फरवरी को पड़ रहा है । हिंदू धर्म में इस दिन की बहुत महत्ता है । ये दिन भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना का दिन है । इस दिन भगवान भोलेनाथ और पार्वती की पूजा करने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है । भोलेनाथ को प्रसन्न कर आप इस दिन मनचाही मुराद पूरी कर सकते हैं । जीवन के हर संकट, हर मुश्किल का समाधान भोले की आराधना से हो जाता है । लेकिन आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान भी रखना होगा, नहीं तो आपकी मामूली सी गलती भी शिव को रुष्ट कर सकती है ।
काले कपड़े से करें परहेज
महाशिवरात्रि का पर्व शुभता का पर्व है, इसलिए इस दिन कपड़ों से लेकर व्यकित को अपने आचार-विचार का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए । इस दिन सबसे ज्यादा ध्यान रखने योग्य जो बात है वो है काले रंग का प्रयोग करने से परहेज । जी हां महाशिवरात्रि के दिन काले रंगे के वस्त्र, जूते या किसी भी प्रकार की काली वस्तु का प्रयोग ना करें । ऐसा करने से भोले आप पर क्रोधित हो सकते हैं ।
शिवलिंग मंदिर में रखना वर्जित
घर के मंदिर में भगवान शिव की मूर्ति या शिवलिंग रखना वर्जित माना गया है । यदि आपके घर के मंदिर में ऐसी कोई मूर्ति रखी है या शिवलिंग रखा हुआ है तो उसे महाशिवरात्रि के दिन मंदिर से हटाकर नदी की धारा में प्रवाहित कर आएं । ऐसा करने के बाद मंदिर को दोबारा साफ करें और भगवान की स्थापना करें और आराधना करें ।
कुमकुम का प्रयोग ना करें
भगवान की पूजा – अर्चना में हम उन्हें कुमकुम समर्पित करते हैं, उसका टीका लगाते हैं । लेकिन कुमकुम भोले को अर्पित करना उन्हें नाराज कर देगा । भगवान शिव वैरागी माने जाते हैं और कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक । इसलिए भाले नाथ को कुमकुम नहीं चढ़ाना चाहिए । इसका प्रयोग पार्वती मां की अलग से आराधना करने पर किया जा सकता है ।
नारियल
भूल से भी शिव जी के लिए नारियल मत खरीद लीजिएगा । कच्चा नारियल मंदिरों में चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन भगवान शिव को नारियल नहीं चढ़ाया जाता है । नारियल मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, मां लक्ष्मी विष्णु जी की पत्नी हैं इसलिए इसे भोलेनाथ के ऊप्र नहीं चढ़ाया जाता । भोलेनाथ के प्रसाद में कभी भी नारियल का प्रयाद नहीं बांटना चाहिए । ये भोलेनाथ को नाराज कर सकता है ।
हल्दी का प्रयोग
शादी कर्मो में हल्दी लगाना सौभाग्य प्राप्ति का शगुन माना जाता है । वैरागी होने के कारण हल्दी शिव को नहीं चढ़ाई जाती । हल्दी का संबंध भगवान विष्णु से माना जाता है । इसीलिए भगवान शिव को हल्दी भी नहीं चढ़ाई जाती । भूलकर भी हल्दी का टीका शिव को ना करें । शिव को चंदन का तिलक करना शुभ माना गया है ।
शंख से अभिषेक है वर्जित
शंख में जल भरकर आपने कृष्णा का अभिषेक अवश्य किया होगा लेकिन ऐसा शिवलिंग के साथ करना आपकी भारी भूल हो सकता है । शंख से शिवलिंग का अभिषेक वर्जित है । भगवान शिव ने शखचूड़ नाम के एक असुर का वध किया था । शंखचूड़ प्रभु विष्णु का अनन्य भक्त था । कहा जाता है इसीलिए शंख से भगवान विष्णु की पूजा होती है, भोलेनाथ की नहीं ।
तुलसी का पत्ता
पवित्र तुलसी भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में पूजी जाती हैं । इसीलिए शिव की आराधना तुलसी से करना वर्जित माना गया है । ऐसा करने पर आपकी पूजा पूर्ण नहीं होगी ।
तिल –
तिल को भी शुभ कार्यो में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं तिल को भगवान विष्णु के मैल से पैदा हुआ, ऐसा माना जाता है । इसीलिए इसे शिवलिंग पर अर्पित नहीं करना चाहिए । शिव आराधना में इन्हे वर्जित माना गया है ।
ऐसे मनाएं महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि के दिन उपवास रखें, सुबह नहा धोकर व्रत का प्रण लें, शिव जी की पूजा करें, शिव मंत्रों का ध्यान करें । इस दिन साफ कपड़े पहनें और रोजमर्रा के कामों का निर्वहन करें । दिन में एक समय फल, दूध, चाय आदि ले सकते हैं । ये व्रत निर्जल नहीं रखा जाता, इसलिए इसमें आप पानी पीते रहें । संध्या काल में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना, आरती कर व्रत को समाप्त करें । भोले आपकी मनोकामना अवश्य पूरी करेंगे ।